गुजरात के अहमदाबाद में हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को चौंका दिया है. 22 साल पुरानी दुश्मनी का यह खतरनाक मोड़ एक व्यक्ति की हत्या के रूप में सामने आया है. यह कहानी केवल एक हत्या की नहीं, बल्कि एक बेटे के दिल में पलने वाले प्रतिशोध की है.
पिता की हत्या का बदला
यह कहानी शुरू होती है 2002 में, जब गोपाल सिंह के पिता, हरिसिंह, जैसलमेर में एक विवाद के बाद कार से कुचलकर मारे गए थे. उस वक्त गोपाल केवल 6 साल का बच्चा था, लेकिन उस दिन ने उसकी ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया. हरिसिंह और उनके भाई ने एक होटल खोला था, जहां खाने के बिल को लेकर नखतसिंह भाटी और उसके साथियों के साथ विवाद हुआ. यह विवाद इतना बढ़ गया कि नखतसिंह और उसके साथियों ने हरिसिंह की हत्या कर दी.
बदले की साजिश
समय बीतने के साथ, गोपाल ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने की ठान ली. उसने धीरे-धीरे नखतसिंह पर नजर रखना शुरू किया और उसके रोजमर्रा के जीवन की पूरी जानकारी जुटाई. गोपाल ने इस योजना को अंजाम देने के लिए खुद को तैयार किया. उसकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उसे इस खतरनाक कदम की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया.
हत्या का अंजाम
घटना के दिन, जब नखतसिंह अहमदाबाद के ज्ञानबाग पार्टी प्लॉट से साइकिल चला रहा था, तब गोपाल ने अपनी तेज़ रफ्तार बोलेरो से उसे टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जोरदार थी कि नखतसिंह की मौके पर ही मौत हो गई. यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि प्रतिशोध की आग इंसान को कितनी खतरनाक हदों तक ले जा सकती है.
पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस ने गोपाल को तुरंत गिरफ्तार कर लिया. एसीपी एसएम पटेल के अनुसार, यह मामला समय के साथ भूले-बिसरे घावों की कहानी कहता है. पुलिस की जांच अभी जारी है, और इस केस ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या बदला वास्तव में कभी सच्ची संतोष दिला सकता है?