दिल्ली में नवनिर्मित सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista project) को लेकर बड़ी खबर मिल रही है. वडोदरा के एमएस विश्वविद्यालय को नॉलेज पार्टनर के रूप में चुना गया है. महाराज सयाजीराव विश्वविद्यालय के संस्कृति मंत्रालय और केंद्र के साथ MOU पर हस्ताक्षर किए गए हैं. पता चला है कि महाराज सयाजीराव विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स के प्राध्यापक यहां अहम भूमिका निभाएंगे. गुजरात राज्य के शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और एमएस विश्वविद्यालय के बीच में जो एमओयू हस्ताक्षर हुए हैं, उसे लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति, कर्मचारियों और छात्रों को बधाई देना चाहता हूं. महत्वपूर्ण बात यह है कि निर्माणाधीन संसद भवन को 'सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट' के रूप में जाना जाता है.
इसके लिए नॉलेज पार्टनर के तौर पर महाराज सयाजीराव यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू साइन किया गया है. इनमें संस्कृत, पारंपरिक अध्ययन, वैदिक अध्ययन, हिंदू अध्ययन, भतीगल कहानी, मौखिक अध्ययन, मेनू स्क्रिप्ट स्क्रिप्ट, पारंपरिक ज्ञान प्रणाली, भतीगल नृत्य कला, सांस्कृतिक सूचना, प्रदर्शन कला और ललित कला शामिल है.
आपको बता दें कि महाराज सयाजीराव यूनिवर्सिटी और संस्कृति मंत्रालय के बीच एमओयू साइन हुए हैं. इस मौके पर एमएस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर विजयकुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हमें गर्व है कि यूनिवर्सिटी और संस्कृति मंत्रालय के बीच एमओयू साइन हुआ है.
उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा में पीएम मोदी के आग्रह पर पूरे देश की कलाकृति को इसमें शामिल करना है. जिसमें एमएस यूनिवर्सिटी को नॉलेज पार्टनर के तौर पर चुना गया था. इमारत में विभिन्न कलाकृतियों के लिए विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय के प्रोफेसर रहेंगे.
Source : Purav Patel