भारतीय रेल हो या फिर किसी राज्य की पुलिस, सोशल मीडिया पर सभी अपनी उपलब्धियां गिनाने में व्यस्त रहते हैं. लेकिन, जब बात नाकामियों की आए तो सभी उस पर पर्दा डालने के लिए तरह-तरह के उपाय ढूंढने में लग जाते हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की रहने वाली सुप्रिया तिवारी की, जो बीते महीने चलती ट्रेन से लापता हो गई थी. लापता होने के कुछ दिनों बाद सुप्रिया की लाश मिली थी. इस पूरे मामले में रेलवे पुलिस से लेकर गुजरात पुलिस की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. सुप्रिया की रहस्यमयी मौत के एक महीने बाद भी पुलिस के हाथों कोई लीड नहीं लगी है, लिहाजा पुलिस इस पूरे मामले को लेकर लीपापोती में जुटी हुई है.
क्या है पूरा मामला
22 साल की सुप्रिया तिवारी मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की रहने वाली थी. सुप्रिया, भोपाल में पीएससी की तैयारी कर रही थी और गुजरात के कच्छ में अपनी दीदी के घर गई हुई थी. पिछले महीने 2 मार्च को सुप्रिया तिवारी कच्छ से बस पकड़ कर अहमदाबाद पहुंची थी, जहां वह कालूपुर रेलवे स्टेशन से भोपाल जाने के लिए सोमनाथ एक्सप्रेस में बैठी थी. सुप्रिया की सीट सोमनाथ एक्सप्रेस के 3 एसी में बुक थी. सुप्रिया की बहन ने बताया कि 2 मार्च की शाम 7 बजे दोनों की फोन पर बात हुई थी. इसके बाद उन्होंने रात के करीब 10 बजे एक बार फिर सुप्रिया को फोन किया था, उस वक्त सुप्रिया का फोन बिजी जा रहा था.
बहन को फोन पर मिली लापता होने की सूचना
रात के करीब 10 बजे जब सुप्रिया का फोन बिजी जा रहा था. उसके कुछ देर बाद किसी ने सुप्रिया की बहन को फोन कर बताया कि वह अपनी सीट से गायब है. कॉल करने वाले शख्स ने बताया कि सुप्रिया टॉयलेट गई थी और काफी देर बाद भी वह वापस नहीं लौटी. इसके बाद सुप्रिया की बहन ने लगातार पुलिस और रेलवे हेल्पलाइन पर कॉल कर मदद मांगी लेकिन कोई फायदा नहीं मिला. चलती ट्रेन से लापता होने के 3 दिन बाद उसका शव गुजरात के गोधरा और दाहोद के बीच लिमी खेड़ा के पास स्थित एक रेलवे ओवर ब्रिज के पास मिली.
परिजनों ने जताया हत्या का शक
इस पूरे मामले में एक महीने बाद भी पुलिस के हाथ पूरी तरह से खाली हैं. सुप्रिया के परिजन उसकी हत्या की बात कह रहे हैं. जबकि, पुलिस इस पूरे मामले को आत्महत्या के एंगल से भी जांच रही है. युवती की मौत के एक महीने बाद भी पुलिस के हाथों कोई ठोस जानकारी नहीं लगी है. लिहाजा, पुलिस इस पूरे मामले में अपनी नाकामी छिपाने के लिए लीपापोती कर रही है. इस पूरे मामले में सुप्रिया का परिवार इंसाफ की गुहार लगा रहा है. मृतका के परिजन इंसाफ की आस में डीएम, राज्यपाल, गृह मंत्री और राष्ट्रपति से मदद की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन कोई भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है. सुप्रिया के परिजनों का आरोप है कि पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. इतना ही नहीं, परिजनों ने आरोप लगाया है कि रेलवे पुलिस भी इस मामले में लापरवाह रही है.
HIGHLIGHTS
- 2 मार्च को सोमनाथ एक्सप्रेस से गायब हुई थी सुप्रिया तिवारी
- 1 महीने बाद भी पुलिस के हाथ खाली
- नाकामी छिपाने के लिए मामले की हो रही लीपापोती