प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गुजरात के वलसाड जिले के धर्मपुर गांव में स्थित ‘श्रीमद राजचंद्र मिशन’ की 300 करोड़ से अधिक लागत की विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया है. इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीमद राजचंद्र मिशन से मेरा पुराना नाता रहा है. मैंने आपके समाज कार्यों को नजदीकी से देखा है. जब ये नाम सुनता हूं तो मेरा मन आप सभी के प्रति सम्मान से भर जाता है. आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तब हमें इसी कर्तव्य भाव की सबसे ज्यादा जरूरत है.
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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश अपनी उन संतानों को याद कर रहा है, जिन्होंने भारत को गुलामी से बाहर निकालने के लिए प्रयास किए. श्रीमद् राजचंद्र जी ऐसे ही संत थे जिनका एक विराट योगदान इस देश के इतिहास में है. उन्होंने आगे कहा कि ये दुर्भाग्य रहा है कि भारत के ज्ञान को, भारत की असली ताकत से देश और दुनिया को परिचित कराने वाले ओजस्वी नेतृत्व को हमने बहुत ही जल्द खो दिया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूज्य बापू महात्मा गांधी ने कहा था कि हमें शायद कई जन्म लेने पड़ेंगे, लेकिन श्रीमद के लिए एक ही जन्म काफी है. देश की नारीशक्ति को आजादी के अमृतकाल में राष्ट्रशक्ति के रूप में सामने लाना हम सभी का दायित्व है. केंद्र सरकार आज बहनों-बेटियों के सामने आने वाली हर उस अड़चन को दूर करने में जुटी है, जो उसे आगे बढ़ने से रोकती है.
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पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज भारत स्वास्थ्य की जिस नीति पर चल रहा है उसमें हमारे आसपास के हर जीव के आरोग्य की चिंता है. भारत मनुष्य-मात्र की रक्षा करने वाले टीकों के साथ ही पशुओं के लिए भी राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान चला रहा है. अध्यात्म और सामाजिक दायित्व दोनों कैसे एक दूसरे के पूरक हैं, श्रीमद राजचंद्र जी का जीवन इसका प्रमाण रहा है. उन्होंने अध्यात्म और समाजसेवा की भावना को एकीकृत एवं मजबूत किया, इसलिए उनका प्रभाव आध्यात्मिक और सामाजिक हर लिहाज से गहरा था.