गेनीबेन ठाकोर के इस्तीफे से मचा सियासी भूचाल, गुजरात से थीं इकलौती कांग्रेस MP

गेनीबेन ठाकोर का इस्तीफा और उनके राजनीतिक सफर की चर्चा इस समय गुजरात की राजनीति में एक महत्वपूर्ण विषय बन गई है. उनकी उपलब्धियां और विवादास्पद बयान हमेशा सुर्खियों में रहे हैं. वहीं बता दें कि गेनीबेन ठाकोर के इस्तीफे ने कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है.

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Ritu Sharma
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गेनीबेन ठाकोर( Photo Credit : News Nation )

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Gujarat Political News: देशभर में चुनाव नतीजे आने के बाद भी चुनावी सरगर्मी अभी भी बरकरार है. गुजरात की बनासकांठा सीट से हाल ही में लोकसभा चुनाव जीतने वाली कांग्रेस नेता गेनीबेन ठाकोर ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. वो गुजरात के वाव सीट से विधायक थीं. गेनीबेन ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा. ये इस्तीफा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि गेनीबेन ठाकोर गुजरात से कांग्रेस की एकमात्र सांसद हैं. पिछले दो चुनावों में कांग्रेस यहां से अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी और भाजपा हैट्रिक की उम्मीद कर रही थी. वहीं गेनीबेन की जीत ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

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गेनीबेन का राजनीतिक सफर

आपको बता दें कि गेनीबेन वाव सीट से दो बार की विधायक रही हैं. उन्होंने 2017 और 2022 का विधानसभा चुनाव इस सीट से जीता था. हालांकि, 2012 में उन्हें कांग्रेस ने टिकट दिया था, लेकिन उस समय उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2012 में इस सीट पर बीजेपी के शंकर चौधरी ने उन्हें हराया था. 2022 के चुनाव में गेनीबेन को 102,513 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के स्वरूप ठाकोर को 86,912 वोट मिले थे. इस तरह, गेनीबेन ने बड़ी अंतर से जीत हासिल की थी.

बनासकांठा में ऐतिहासिक जीत

इसके साथ ही आपको बता दें कि गेनीबेन कांग्रेस की एकमात्र प्रत्याशी थीं जिन्हें गुजरात में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल हुई थी, जबकि बाकी सभी कांग्रेस प्रत्याशी बीजेपी के प्रत्याशियों से हार गए थे. गेनीबेन ने बनासकांठा सीट पर बीजेपी की रेखाबेन हितेशभाई चौधरी को 30,406 वोटों से हराया. गेनीबेन को बनासकांठा सीट पर 671,883 वोट मिले, जबकि रेखाबेन के पक्ष में 641,477 वोट पड़े थे. इस सीट पर बसपा तीसरे नंबर पर रही, जहां बसपा प्रत्याशी एम एम परमार को बड़ी हार का सामना करना पड़ा. परमार को केवल 9,929 वोट ही मिले.

प्रमुख मुद्दों पर गेनीबेन की सफाई

वहीं गेनीबेन लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद से ही चर्चा में रही हैं. वे अपने बयानों और विभिन्न मुद्दों पर अपने स्पष्ट स्टैंड के कारण हमेशा सुर्खियों में रहती हैं. 2019 में उन्होंने ठाकोर समुदाय के उस फैसले का समर्थन किया था जिसमें कहा गया था कि समुदाय की अविवाहित लड़कियों के फोन के इस्तेमाल पर रोक लगाई जानी चाहिए. गेनीबेन ने कहा था कि मोबाइल के इस्तेमाल पर बैन लगाना गलत नहीं है क्योंकि लड़कियों को टेक्नोलॉजी की जगह पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए.

विवाह पंजीकरण अधिनियम में संशोधन की मांग

आपको बता दें कि 2023 में गेनीबेन ने रजिस्ट्रेशन ऑफ मैरिज एक्ट 2009 में संशोधन की मांग की थी. उनका कहना था कि वर्तमान कानून में कुछ खामियां हैं जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है. यह कदम भी उनकी समाज के प्रति जिम्मेदारी और सुधार की दिशा में उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

गेनीबेन का इस्तीफा कांग्रेस के लिए चुनौती

गेनीबेन ठाकोर का विधायकी से इस्तीफा कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. उनकी जीत ने गुजरात में कांग्रेस को एक नई उम्मीद दी थी, लेकिन उनके इस्तीफे के बाद पार्टी के सामने नेतृत्व की कमी और रणनीतिक चुनौती खड़ी हो गई है. उनके इस्तीफे का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह संभावना जताई जा रही है कि यह पार्टी के भीतर की रणनीतिक बदलाव का हिस्सा हो सकता है.

HIGHLIGHTS

  • गेनीबेन ठाकोर के इस्तीफे से मचा सियासी भूचाल
  • गुजरात से थीं इकलौती कांग्रेस MP
  • इस्तीफे से कांग्रेस में टेंशन

Source : News Nation Bureau

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