मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आने वाले और चीतों को अब गांधी सागर अभ्यारण में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि चीतों को पर्याप्त भोजन कूनो में नहीं मिल पा रहा. और आगे जब संख्या बढ़ेगी तो और भी मुश्किल आएगी. मध्य प्रदेश का कूनो नेशनल पार्क चीतों से गुलजार हो गया है. कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या बढ़ गई है. ऐसे में बड़े और छोटे चीतों की संख्या मिलाकर कुल 26 है. संख्या बढ़ने के कारण अब प्रोजेक्ट प्रबंधन को चीतों के खाने की चिंता होने लगी है. क्योंकि कूनो में चीतों को खाने के लिए चीतल की संख्या कम होने लगी है. ऐसे में अफ्रीका और नामीबिया से आने वाली चीतों की अगली खेप को गांधी सागर अभ्यारण में शिफ्ट किया जाएगा इस पर लगभग निर्णय हो गया है. यह भी बताया जा रहा है कि मानसून के बाद चीतों को वहां शिफ्ट किया जाएगा.
आपको बता दें कि देश की धरती पर विलुप्त हो चुके चीतों को फिर बसाने की योजना के पहले चरण में 17 सितंबर, 2022 को 8 नामीबियाई चीते लाए गए थे. जिन्हें श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क के बाड़ों में छोड़ा गया था. इसके बाद फरवरी 2023 में अन्य 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया. इनमें से शुरुआत में कुछ सीटों की बीमारी से मौत भी हो गई तो कुछ ने बच्चों को जन्म भी दिया. अब चीतों की संख्या बढ़ाने की वजह उनके शिकार के लिए उपलब्ध चीतल की संख्या 25 फीसदी कम हो गई है.
साथ ही कूनो में चीतों की संख्या क्षमता से अधिक है. ऐसे में कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों की उलझन बढ़ गई है. कूनो प्रोजेक्ट प्रबंधन के अधिकारियों को लग रहा है कि यह शिकार बाघ तेंदुए कर रहे हैं. ऊपर से चीतों की संख्या बढ़ गई है और उन्हें दौड़ने के लिए पर्याप्त जगह भी चाहिए. हालांकि यह चीते कब शिफ्ट किए जाएंगे इसकी अभी तारीख निश्चित नहीं है लेकिन सूत्रों से पता चला है कि मानसून के बाद अफ्रीका से आने वाले नए चीते गांधी सागर अभ्यारण मंदसौर भेजे जाएंगे उनके लिए वहां बड़े भी बनकर तैयार हो गए हैं.
Source : News Nation Bureau