गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने दोनों हाथ ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट को खो दिया. साथ ही कहा कि कांग्रेस का कमजोर होना भाजपा के लिए फायदेमंद है. पटेल ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, हम सभी ने देखा कि मध्य प्रदेश में क्या हुआ था? अब, यह दोबारा राजस्थान में हो रहा है. लगता है कि कांग्रेस नेतृत्व के कामकाज में कुछ खराबी है. सिंधिया ने गत मार्च में 22 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ दी थी, जिसके चलते मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिर गई थी.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट बागी विधायकों के समूह का नेतृत्व कर रहे हैं. पायलट को मंगलवार को उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया. नितिन पटेल ने कहा, ये दो युवा नेता (पायलट और सिंधिया) राहुल गांधी के दाएं और बाएं हाथ की तरह थे. अब, उन्होंने दोनों हाथों को खो दिया है. पटेल ने कहा कि खुद वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी पार्टी के भाग्य को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं.
उन्होंने कहा, हालांकि, एक कमजोर कांग्रेस हमेशा ही भाजपा के लिए अच्छी है. वहीं, पटेल ने आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने को लेकर भी कटाक्ष किया. उप मुख्यमंत्री ने कहा, हमें कोई आपत्ति नहीं है यदि कांग्रेस एक कदम आगे जाकर उन्हें अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष भी नियुक्त कर दे. यह केवल उन पर निर्भर करता है.
स्पीकर की नीयत में खोट- सतीश पुनिया
राजस्थान में जारी राजनैतिक संकट के बीच बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सचिन पायलट और उनके समर्थकों को जारी नोटिस पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) की नीयत में भी खोट है और सरकार की नीयत में तो पहले से ही खोट था. पूनिया ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि विधायक दल की बैठक में विधायकों की अनुपस्थिति उनकी अयोग्यता का कारण नहीं होती है. इसका मतलब विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) की नीयत में भी खोट है और सरकार की नीयत में तो पहले से खोट था. उन्होंने कहा, हम उसके कानूनी पक्ष का अध्ययन कर रहे हैं.
पार्टी ने विधानसभा के बाहर की है कार्रवाई
हम अपनी तरफ से जो हमारी भूमिका रहेगी उस पर विचार करेंगे लेकिन खासतौर पर जिनकी अपनी लडाई है, उनका जरूर नैतिक दायित्व है कि उस लडाई को वो कानूनी और संवैधानिक दायरे में रहकर लड़ें. उन्होंने कहा कि हम यह कोशिश करेंगे की संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं हो और उसके लिये जो भी कानूनी लडाई होगी उसको हमलोग अपनी तरफ से लड़ेंगे. कांग्रेस सरकार के अल्पमत में होने के आरोपों के बाद गहलोत सरकार से विधानसभा में शक्ति परीक्षण की मांग पर पूनिया ने कहा कि पार्टी की तरफ से इस बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका यदि विधानसभा के अंदर व्हिप उल्लंघन का कोई मामला आता है तब होती है. विधानसभा के बाहर कौन सी पार्टी क्या करती है, वो पार्टी अनुशासन में आता है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने जो कुछ कार्रवाई की है वह विधानसभा के बाहर की है, उसके लिये विधानसभा की ओर से नोटिस देना किसी भी दृष्टि से और न ही कानूनन उचित है.
Source : Bhasha