गुजरात के साबरकांठा ज़िले में एक 14 महीने की बच्ची के साथ हुई रेप की घटना के बाद से राज्य में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के लोगों को परेशान करने का कई मामले सामने आ रहे हैं. कई लोग मॉब लिंचिंग की डर से अपने राज्य भाग रहे हैं. लोगों की भारी संख्या में पलायन को देखते हुए जगह-जगह सख़्त पुलिस बंदोबस्त किए गए हैं. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शिवानंद झा ने बताया कि हिंसा मामले को लेकर अब तक 342 लोगों को हिरासत में लिया गया है. राज्य के सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टी अगले आदेश तक रद्द कर दी गई है.
पुलिस महानिदेशक ने कहा, 'सभी प्रभावित इलाक़े में गुजरात के स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स (एसआरपी) की 17 कंपनी और एक पलाटून की तौनाती की गई है. अभी तक 342 लोगों को हिरासत में लिया गया है इसके साथ ही 42 मामले दर्ज़ किए गए हैं. इसके साथ ही अन्य मामलों में जांच चल रही है.'
17 company & 1 platoon of State Reserve Police (SRP) deployed in the affected districts. 42 cases registered; 342 people arrested till now. Probe underway: DGP Shivanand Jha on security arrangements in #Gujarat following incidents of violence after a rape case in Sabarkantha. pic.twitter.com/vizqQjEpjd
— ANI (@ANI) October 7, 2018
डीजीपी ने बताया कि गुजरात से बाहरी लोगों पर हिंसा के इन मामलों में कुल 6 जिले प्रभावित हुए हैं. मेहसाणा और साबरकांठा जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं. मेहसाणा में 15 केस दर्ज हुए हैं जिसके तहत 89 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साबरकांठा में 11 केस दर्ज हुए हैं जबकि 95 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
डीजीपी के मुताबिक इन दो जिलों के अलावा अहमदाबाद में 7 केस और 73 गिरफ्तारी, गांधीनगर में 3 केस और 27 गिरफ्तारी, अहमदाबाद ग्रामीण में 3 केस और 36 गिरफ्तारी, अरावली में 2 केस और 20 गिरफ्तारी व सुरेंद्रनगर में एक केस और दो गिरफ्तारी हुई है. सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाली और भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
डीजीपी झा ने यह भी कहा, 'सबसे अधिक प्रभावित जिले गांधीनगर में पुलिस अधिकारियों को शिविरों का आयोजन करने और स्थानीय नेताओं के साथ संवाद करने के निर्देश दिए गए है. जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल और वाहन उपलब्ध कराए गए हैं.'
रविवार को फिर भड़की हिंसा
तमाम सुरक्षा इंतजामों के बावजूद गुजरात में हिंसा की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. रविवार को वघोड़िया इंडस्ट्रियल एरिया की दो इंजिनियरिंग कंपनियों में काम कर रहे गैर-गुजरातियों पर कोटांबी और कामरोल गांव के 17 लोगों ने हमला बोल दिया. वहीं न्यू रानिप इलाके से भी झड़प की सूचना सामने आई है. पुलिस माहौल को नियंत्रित करने की कोशिश में जुटी हुई है.
बता दें कि 28 सितंबर को एक 14 महीने की बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार के आरोप में बिहार के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद राज्य के कई हिस्सों में जोरदार प्रदर्शन चल रहा है. इसके साथ ही उत्तर भारतीयों खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को शिकार बनाने और सोशल मीडिया पर नफरती संदेश फैलाए जाने का मामला भी सामने आ रहा है.
हिंसा की वजह से हजारों की संख्या में उत्तर भारतीय गुजरात छोड़कर घर की ओर लौट रहे हैं. इस मामले में हमला करने वाले लोगों में ज्यादातर ठाकोर समुदाय का नाम सामने आ रहा है.
ठाकोर समुदाय पर हिंसा करने का आरोप लगने के बाद कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा है, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है, हमने कभी हिंसा की वकालत नहीं की और हमेशा शांति की बात नहीं की है. सभी भारतीय गुजरात में सुरक्षित हैं.'
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इसके साथ ही उन्होंने 72 घंटों के अंदर उनके समुदाय के सदस्यों के ऊपर से मामला वापस लिए जाने की भी मांग की है.
Source : News Nation Bureau