प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात को उम्मीद है कि 'आयरन मैन ऑफ इंडिया' के नाम से मशहूर सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशालकाय प्रतिमा से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. गुजरात में सरदार पटेल की प्रतिमा को दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बताया जा रहा है. इसे 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का नाम दिया गया है. प्रधानमंत्री मोदी, सरदार पटेल की जयंती पर आगामी 31 अक्टूबर को इसका उद्घाटन करेंगे.
182 मीटर ऊंची यह विशाल प्रतिमा देश के पहले गृह मंत्री को श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने 1947 के विभाजन के बाद राजाओं-नवाबों के कब्जे वाली रियासतों को भारत संघ में मिलाने में अहम योगदान दिया था.
यह प्रतिमा मौजूदा समय में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है. चीन की प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है. सरदार पटेल की प्रतिमा न्यूयॉर्क स्थित 93 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुना ऊंची है.
इस परियोजना (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) की देखभाल कर रहे सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (एसएसएनएनएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एस. एस. राठौड़ ने संवाददाताओं के एक समूह से कहा, "अभी इसकी गैलरी को अंतिम रूप दिया जा रहा है जो कि 153 मीटर ऊपर स्थित है. इस गैलरी में एक समय में करीब 200 पर्यटकों को समायोजित किया जा सकता है. यहां से सरदार सरोवर बांध और सतपुड़ा व विंध्य की पर्वत श्रृंखला तथा अन्य जगहों का दीदार किया जा सकेगा."
विंध्याचल व सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के साधु बेट टापू पर बनी दुनिया की सबसे ऊंची इस मूर्ति को बनाने में करीब 2389 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं.
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से राज्य के पर्यटन विभाग को बहुत फायदा होगा. इसके बनने से प्रतिदिन करीब 15000 पर्यटक के यहां आने की संभावना है और इससे गुजरात देश का सबसे व्यस्त पर्यटक स्थल बन सकता है.
राठौड़ ने कहा कि 250 इंजीनियर और 3400 श्रमिक इस परियोजना पर काम कर रहे हैं. इसमें दो हाई स्पीड लिफ्ट भी होंगी जिससे एक समय में करीब 40 लोग गैलरी तक जा सकते हैं. यहां एक संग्रहालय में सरदार पटेल के जीवन से जुड़ी घटनाओं पर लाइट एंड साउंड शो भी होगा.
स्टैच्यू के ऊपरी हिस्से में 306 मीटर पैदल पथ को पूरी तरह से मार्बल से तैयार किया गया है. इसके अलावा दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी पैदल पथ होगा. राठौड़ ने कहा कि परियोजना से जुड़े बाकी काम इसके उद्घाटन होने से पहले पूरा कर लिया जाएगा. प्रतिमा के पास स्थित पहाड़ियों पर फूलों को लगाया जा रहा है जिससे यहां से नजारा 'फूलों की घाटी' जैसा दिखेगा.
Source : IANS