2015 से लेकर अब तक गुजरात के सभी मुख्यमंत्री और बड़े नेताओं को खरी-खोटी सुनाने वाले हार्दिक पटेल अब केसरिया हो चुके हैं. आज जब भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद हार्दिक पटेल ने अपनी प्रेस वार्ता में 2015 में गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा वक्त में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बोन पटेल को याद किया. हार्दिक पटेल ने कहा कि जब उन्होंने तय किया कि वह बीजेपी में शामिल हो रहे हैं तब कई लोगों का उन्हें फोन आया और कहा कि आप इस घर से दूर गए ही नहीं आप अपने ही घर में वापस आ रहे हैं.
अपने पिताजी का एक किस्सा सुनाते हुए हार्दिक पटेल ने आनंदीबेन पटेल को याद किया और कहा कि जब आनंदीबेन पटेल मांडल से चुनाव लड़ा करती थी तब उनके पिताजी उनके लिए प्रचार किया करते थे और आनंदी बेन उन्हें रखी भी भेजा करती थी.
2015 में पाटीदार आंदोलन के दौरान 14 पाटीदार युवकों की मौत हो गई थी. ये आंदोलन तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदी बेन पर तो भारी पड़ा और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा, बीजेपी पर भी काफी बुरा असर हुआ. गौरतलब है कि २०१७ में आलम ये रहा कि सौराष्ट्र क्षेत्र की 54 सीटों में से बीजेपी सिर्फ 23 ही जीत पाई थी, जबकि कांग्रेस के खाते में 30 सीटें पहुंच गई थीं. 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 182 में से सिर्फ 99 सीटों पर ही सिमट गई.
हार्दिक पटेल यह समझते हैं कि अगर इस वक्त गुजरात भारतीय जनता पार्टी में रहना है तो आनंदीबेन से बैर करना उनके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद गुजरात में भूपेंद्र पटेल जो आनंदीबेन पटेल के बेहद करीबी है, उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया है. शायद यही वजह है कि हार्दिक पटेल ने खुले मंच से आनंदीबेन पटेल को याद किया.
Source : Purav Patel