Haldwani Encroachments Case: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के हल्द्वानी रेलवे ट्रैक के पास अतिक्रमण हटाने के मामले में सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि जो लोग वहां रह रहे हैं, वे भी इंसान हैं. राज्य को ऐसे लोगों के लिए कुछ करने की जरूरत है. वहीं, इस पर कोर्ट ने रेलवे को भी कहा कि अब तक उसने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? बता दें कि यह मामला 20 दिसंबर, 2022 की है. उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद हलद्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में 78 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया था. 4,365 परिवारों के घरों पर अतिक्रमण हुआ और इससे करीब 50000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बेदखली के मामलों में प्रकाश डाला.
हल्द्वानी रेलवे ट्रैक अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई
इमसें ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल थे. जिसे लेकर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. जिसके बाद विवाद पैदा हो गया. इसे देखते हुए 5 जनवरी, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला करते हुए उत्तराखंड के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी.
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लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत
न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ ने यह सुनवाई की. कोर्ट ने अधिकारियों द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण के बारे में कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जेदारों की बेदखली) अधिनियम के तहत उचित कानूनी प्रक्रियाएं होनी चाहिए. साथ ही यह भी पूछा कि लोगों को बेदख करने के लिए जनहित याचिका क्यों? आप पीपी एक्ट के तहत कार्यवाही कर सकते हैं. आप नोटिस जारी करें और कानून के मुताबिक आगे बढ़ें. कहीं ऐसा तो नहीं कि आपने जनहित याचिका की आड़ में काम किया हो? आप एक जनहित याचिका पर सवार हुए और आपको एक आदेश मिला. आपने स्वयं कोई नोटिस जारी नहीं किया. आपने अतिक्रमण करने से पहले जनहित याचिका का उपयोग क्यों नहीं किया?