Haryana Election 2024: BJP लगाएगी हैट्रिक या फिर सत्ता में वापसी करेगी कांग्रेस, जानिए क्या है सियासी माहौल?

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल बच चुका है. बीजेपी हैट्रिक लगाई या कांग्रेस की सत्ता में वापसी होगी. आइए जानते हैं कि प्रदेश में कैसा है सियासी माहौल?

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Ajay Bhartia
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Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल बच चुका है. प्रदेश की सभी 90 सीटों पर एक अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं, कुछ में सियासी संग्राम भी देखने को मिल रहा है. गुटबाजी, टिकट शेयरिंग और जोड़तोड़ की सियासत हावी है. इसके बीच सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं कि बीजेपी हैट्रिक लगाई या कांग्रेस की सत्ता में वापसी होगी. आइए जानते हैं कि प्रदेश में कैसा है सियासी माहौल?

‘...तीसरी बार खिलेगा कमल’

हरियाणा में चुनाव को लेकर बीजेपी ने रैलियां शुरू कर दी हैं. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज यानी गुरुवार को कैथल में जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने रैली में जनता से कहा कि, ‘मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि आज मैं अपने परिवार के पास बीजेपी की तीसरी सरकार के लिए आपका आर्शीवाद लेने आया हूं. मुझे भरोसा है कि जब एक अक्टूबर को मतदान होगा और 4 अक्टूबर को नतीजे आएंगे तो सबसे ज्यादा वोटों के साथ तीसरी बार कमल खिलेगा.’ 

बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को 37, कांग्रेस को 32 और जेजेपी को 12 और अन्य को 9 सीटें मिली थीं. बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर प्रदेश में सरकार बनाई थी. हालांकि, 12 मार्च 2024 को बीजेपी और जेजेपी गठबंधन टूट गया और मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उसी दिन नायब सिंह सैनी ने नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

बीजेपी के राह में ये चुनौतियां

सीएम नायब सिंह के बयान दर्शाता है कि पार्टी को हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाने का पूर्ण विश्वास है. हालांकि पार्टी के सामने गुटबाजी, शीट शेयरिंग और एंटी इनकम्बेंसी जैसी चुनौतियां सामने होंगी. बीजेपी 2014 से प्रदेश की सत्ता में काबिज है. पार्टी प्रदेश की सियासत में 10 सालों से काबिज है. ऐसे में पार्टी के सामने सत्ता विरोधी लहर से पार पाने की चुनौती भी होगी. जल्द ही टिकट बंटवारों को लेकर बीजेपी की बड़ी बैठक होने वाली है. हालांकि बीजेपी ने सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए कई जनहितकारी योजनाओं का ऐलान किया है.

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गुटबाजी कांग्रेस के सामने चुनौती

कांग्रेस के सामने भी गुटबाजी एक बड़ी समस्या है. यहां भूपेंदर सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा सभी के अपने गुट हैं. बीच में ऐसा भी हुआ कि हुड्डा की प्रेस कॉन्फ्रेंस से ये बड़े नेता गायब रहा करते थे. हालांकि चुनाव से पहले इनमें एक अलग सी एकता देखी जा रही है. इसके अलावा कांग्रेस को भी टिकट बांटवारे पर नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ सकता है. जैसा पिछले चुनावों में देखा गया था. इस बार भी कुछ ऐसे नेता हैं, जो टिकट नहीं मिलने से खफा हो सकते हैं.

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कांग्रेस का जोश है हाई

लोकसभा चुनाव में वोट शेयर बढ़ने के बाद से ही कांग्रेस ने आक्रमक रुख अपनाया है. लोकसभा चुनाव 2024 में प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी में टक्कर देखने को मिली थी, दोनों पार्टियों ने 5-5 लोकसभा सीटों पर बाजी मारी थी. कांग्रेस पार्टी का जोश हाई है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी खाता भी नहीं खोल पाई थी. हालांकि, पार्टी को उम्मीद है कि बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का फायदा मिल सकता है.

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भूपिंदर सिंह हुड्डा प्रदेश की सियासत में कांग्रेस के बड़े चेहरे हैं. एक बड़ा जनाधार उनके साथ है. अभी हरियाणा विधासभा में वह कांग्रेस के नेता विपक्ष हैं. वह 2005 से 2014 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. इस बार के चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस की सियासत हुड्डा फैमिली के इर्द-गिर्दी घूमती हुई दिख सकती है. 

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हरियाणा में सियासी माहौल?

हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं, बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए. कांग्रेस और बीजेपी के बीच में कड़ी फाइट देखने को मिल सकती है. पिछले चुनाव में जैसा देखा गया था कि जेजेपी ने सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. इस बार के चुनाव में जेजेपी और एएपी ने अलायंस किया. हालांकि, प्रदेश में त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बिल्कुल भी नहीं दिख रही है.  

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