हरियाणा के हिसार स्थित सतलोक आश्रम से रामपाल को गिरफ्तार करने में सरकार को तमाम पापड़ बेलने पड़े थे. ऑपरेशन रामपाल में सरकार ने 26 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए थे। गिरफ्तारी के दौरान उसके समर्थकों और पुलिस में जमकर हिंसा हुई थी.
रामपाल का पता लगाने और उसे गिरफ्तार करने पर हरियाणा ने 15.43 करोड़, पंजाब ने 4.34 करोड़, चंडीगढ़ प्रशासन ने 3.29 करोड़ तथा केंद्र सरकार ने 3.55 करोड़ रुपये लगाए थे. कुल मिलाकर कुल 26.61 करोड़ रुपये का बोझ खजाने पर पड़ा.
2006 में एक हत्या के मामले में पेश न होने पर अदालत ने 5 नवंबर को रामपाल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उसे पेश होने का निर्देश दिया था, लेकिन कई नोटिस और गैरजमानती वारंट के बाद भी वह पेश नहीं हुआ तो अदालत ने सख्त रुख अपनाया. इसके बाद पुलिस ने गत 19 नवंबर को उसकी गिरफ्तारी की.
क्या था मामला
19 नवंबर 2014 को हिसार के बरवाला शहर के सतलोक आश्रम में एक बच्चे व चार महिलाओं की लाश मिलने के बाद रामपाल और उसके 27 अनुयायियों पर हत्या और बंधक बनाए जाने के तहत केस दर्ज किया गया था, जबकि एक अन्य केस रामपाल और उसके अनुयायिकों के खिलाफ तब दर्ज हुआ जब आश्रम में 18 नवंबर को एक महिला का शव बरामद हुआ था.
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Source : News Nation Bureau