छत्रपति मर्डर केस में सीबीआई कोर्ट द्वारा सुनाई गई उम्र कैद की सजा को राम रहीम ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने अपील को स्वीकार करते हुए जुर्माने की राशि पर रोक लगा दी है.बता दें पत्रकार छत्रपति हत्याकांड मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सज़ा हुई है. पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने यह सजा सुनाई थी.
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बता दें पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को अक्टूबर 2002 में गोली मारी गई थी. छत्रपति की अस्पताल में कई दिनों तक इलाज के बाद नवंबर में मौत हो गई थी. कोर्ट ने डेरा प्रमुख सहित सभी चार लोगों को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी. इसके साथ ही 50,000 का जुर्माना भी लगाया गया था.
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17 साल पहले हुई पत्रकार की हत्या मामले में सीबीआई के जज जगदीप सिंह ने 11 जनवरी को डेरा प्रमुख को दोषी ठहराया था. राम रहीम और अन्य तीन दोषी वीडियो कांफ्रेंस के जरिये पेश हुए थे. चारों को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया जा चुका है. निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को शस्त्र कानून के तहत भी दोषी ठहराया गया है.
रेप मामले में राम रहीम को मिली थी 20 साल की सजा
राम रहीम अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार का दोषी करार दिए जाने के बाद रोहतक के सुनारिया जेल में 20 साल के कारावास की सजा काट रहा है. कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम पर 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
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सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को रेप केस में 25 अगस्त 2017 को दोषी ठहराया था. इसके बाद पंचकूला समेत पंजाब और हरियाणा के कई जगहों पर राम रहीम के उपद्रवी समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया था, इसमें 38 लोगों की जानें गई थी और 250 से अधिक घायल हुए थे. दंगाईयों ने कई गाड़ियों, मीडिया कर्मियों को नुकसान पहुंचाया था.
Source : Vishal Thakur