हरियाणा में कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोकर के बेटे सिकंदर सिंह को अस्पताल से वापस जेल भेज दिया गया है. ईडी ने सिकंदर को 400 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. लेकिन कुछ दिन पहले ही वह रोहतक के एक अस्पताल के बाहर खुलेआम घूमते पाया गया. मीडिया ने इसकी तस्वीर भी साझा की थी, जिसमें सीसीटीवी के जरिए उसे देखा गया था.
इसलिए हुई थी जेल
दरअसल, सिकंदर बीमारी का बहाना बनाकर रोहतक के अस्पताल में भर्ती हुआ था. मगर वह चुनाव प्रचार पर उतर गया. फॉर्च्यूनर कार से घूम रहा था और पार्टी कर रहा था. सिकंदर सिंह छोकर पर अपने पिता धर्म सिंह छोकर के साथ मिलकर 1500 से अधिक घर खरीदारों को धोखा देने और एक रियल एस्टेट फर्म में फर्जी निर्माण व्यय दिखाकर 400 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है. इस साल सिकंदर मार्च में ईडी के हत्थे चढ़ा था.
जेल प्रशासन से बिठाई सेटिंग
बता दें कि न्यायिक हिरासत में सिकंदर को रोहतक जेल में बंद कर रखा था, लेकिन जेल प्रशासन से सेटिंग करके रोहतक पीजीआईएमएस में भर्ती हो गया था, जबकि वह किसी भी बीमारी से नहीं जूझ रहा था. उसे कानूनी प्रोटोकॉल के खिलाफ होटलों में रुकते हुए और अपने फोन का उपयोग करते हुए देखा गया था.
दो बार PGIMS में हुआ था भर्ती
सिकंदर सिंह को दो बार पीजीआईएमएस में एडमिट कराया गया, एक बार 2 से 16 सितंबर तक और फिर 26 सितंबर से जेल भेजे जाने तक यहीं इलाज के नाम पर भर्ती था. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद सिकंदर सिंह को कोई गंभीर चिकित्सीय समस्या नहीं थी. हरियाणा में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने एक्शन लिया और सिकंदर सिंह को फिर से जेल भेज दिया.
सिकंदर काटेंगे सजा या हो जाएंगे बरी?
बहरहाल, हरियाणा में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसपर संज्ञान लिया और सिकंदर को वापस सलाखों के पीछे भेज दिया. यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि कैसे कुछ लोग कानून से बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन मीडिया की निगरानी और जनता की जागरूकता से इन्हें पकड़ा जा सकता है. तो वहीं, अब देखना ये होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और क्या आदालत से सिकंदर सिंह को अपने किये की सजा मिलती है या बाइज्जत बरी किया जाएगा.