डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmit Ram Rahim) को सीबीआई की विशेष अदालत ने पत्रकार रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस (Journalist Murder Case) में उम्रकैद की सजा सुनाई है. 17 साल पुराने इस हत्या मामले में राम रहीम के अलावा बाकी 3 दोषियों को भी उम्रकैद की सजा मिली है. पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले में राम रहीम सहित सभी दोषी निर्मल सिंह, कुलदीप सिंह और किशन लाल को उम्रकैद की सजा सुनाई और सभी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.
कानून-व्यवस्था को देखते हुए सजा के ऐलान के वक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग से गुरमीत राम रहीम की पेशी हुई थी. इससे पहले गुरमीत राम रहीम और तीन अन्य को इस मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी करार दिया था.
2002 में हुई थी पत्रकार की हत्या
गौरतलब है कि 24 अक्टूबर 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को कथित रूप से राम रहीम के अनुयायियों द्वारा गोली मारी गई थी जिसके बाद अस्पताल में करीब एक महीने तक जूझने के बाद 21 नवंबर 2002 को उनकी मृत्यु हो गई थी. छत्रपति ने ही राम रहीम के आश्रम में साध्वियों के साथ हो रहे गलत कामों को लेकर अपने अखबार 'पूरा सच' में मोर्चा खोला था.
इसी दौरान उन्होंने डेरा में हो रहे यौन शोषण के खिलाफ एक साध्वी द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखे गए पत्र को अपने अखबार में प्रकाशित किया था. उनकी हत्या के खिलाफ 2003 में मामला दर्ज किया गया था.
छत्रपति के परिजनों ने मामला दर्ज करवाया था और बाद में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था. सीबीआई ने 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और इसमें डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना गया था.
रेप मामले में राम रहीम को मिली थी 20 साल की सजा
राम रहीम अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार का दोषी करार दिए जाने के बाद रोहतक के सुनारिया जेल में 20 साल के कारावास की सजा काट रहा है. कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम पर 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को रेप केस में 25 अगस्त 2017 को दोषी ठहराया था. इसके बाद पंचकूला समेत पंजाब और हरियाणा के कई जगहों पर राम रहीम के उपद्रवी समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया था, इसमें 38 लोगों की जानें गई थी और 250 से अधिक घायल हुए थे. दंगाईयों ने कई गाड़ियों, मीडिया कर्मियों को नुकसान पहुंचाया था.
Source : News Nation Bureau