पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड : डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को आज सुनाई जाएगी सजा, तीन जिलों में कड़ी की गई सुरक्षा

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurumit Ram Rahim) पत्रकार मर्डर केस (Journalist Murder Case) में भी दोषी ठहराया जा चुका है.

author-image
Drigraj Madheshia
एडिट
New Update
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड : डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को आज सुनाई जाएगी सजा, तीन जिलों में कड़ी की गई सुरक्षा

गुरमीत राम रहीम

Advertisment

साध्वी यौन शोषण मामले में सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurumit Ram Rahim) पत्रकार मर्डर केस (Journalist Murder Case)  में भी दोषी ठहराया जा चुका है. पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड (RamChandra Chhatrapati Murder Case ) में गुरमीत राम रहीम (Dera Pramukh) को आज सजा सुनाई जाएगी. कानून व्यवस्था को देखते हुए सीबीआई कोर्ट (CBI Court) सजा का ऐलान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करेगा. गुरमीत राम रहीम और तीन अन्य को इस मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी करार दिया था.

यह भी पढ़ेंः विवाद के बीच राष्ट्रपति ने जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी को SC का जज नियुक्त किया

2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. साध्वी यौन शोषण मामले में लिखे लेटरके आधार पर रामचंद्र ने अपने अखबार में खबरें छापी थीं. छत्रपति पर पहले खबर न छापने के लिए दबाव बनाया गया. धमकियां दी गई लेकिन वे इन धमकियों के आगे नहीं झुके. 24 अक्टूबर को उनको गोली मारी गई और उन्‍होंने 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में दम तोड़ दिया.

यह भी पढ़ेंः CBI ने नाबालिगों से उत्पीड़न को लेकर बिहार के दो शेल्टर होम के खिलाफ FIR दर्ज किया

छत्रपति के परिजनों ने मामला दर्ज करवाया था और बाद में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था. सीबीआई ने 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और इसमें डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना गया था.

राम रहीम को हो सकती है कम से कम उम्रकैद की सजा

कोर्ट ने राम रहीम और किशन लाल को आईपीसी की धारा 120बी, 302 का दोषी ठहराया है. कुलदीप और निर्मल को 120बी, 302 और आर्म्स एक्ट में गुनाहगार हैं. धारा 302 में कम से कम उम्रकैद और ज्यादा से ज्यादा फांसी की सजा हो सकती है.

यह भी पढ़ेंः #MeToo: राजकुमार हिरानी के बचाव में उतरे जावेद अख्तर, कह दी ये बड़ी बात

25 अगस्त 2017 को साध्वी यौन शोषण मामले में गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला समेत कई जगह काफी आगजनी, तोड़फोड़ हुई थी. इसके मद्देनजर गुरमीत राम रहीम समेत कृष्ण लाल, निर्मल सिंह और कुलदीप सिंह को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में प्रत्यक्ष तौर पर पेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बता दें गुरमीत इस समय साध्वी यौन शोषण मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है, वहीं तीन अन्य अंबाला सेंट्रल जेल में हैं.

पंचकूला, रोहतक और सिरसा जिलों में सुरक्षा कड़ी की गई

फैसले के मद्देनजर पंचकूला, सिरसा और रोहतक में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. रोहतक में सुनारिया जेल, पंचकूला में सीबीआई कोर्ट और सिरसा में डेरे की सुरक्षा कड़ी कर दी है. रोहतक में इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) की टीम पेट्रोलिंग करेगी. जेल के चारों ओर 10 नाके लगाए हैं. ड्रोन की मदद से भी नजर रखी जाएगी. सिरसा में सीआरपीएफ की दो कंपनियां तैनात की गई हैं. 38 पुलिस नाके लगाए हैं. पंचकूला में रिजर्व आर्म्ड फोर्स तैनात की है.

Source : News Nation Bureau

Ram Rahim Punishment dera chief Chhatrapati murder case
Advertisment
Advertisment
Advertisment