देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसानों के संगठनों का संघ संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार को कहा कि नए कृषि कानून पर सरकार का प्रस्ताव उसे मंजूर नहीं है. वहीं, बीते 58 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन (Kisan Andolan) और 26 जनवरी को किसानों द्वारा ट्रैक्टर मार्च (Kisan Tractor March) निकाले जाने की घोषणा के बीच हरियाणा सरकार ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत राज्य के पुलिस विभाग ने अपने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. हरियाणा के डीजीपी कार्यालय की तरफ से गुरुवार को यह आदेश जारी किए गए हैं.
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किसान यूनियनों के साथ बुधवार को 10वें दौर की वार्ता में सरकार ने नए कृषि कानूनों के अमल को डेढ़ साल तक के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव दिया था. सरकार ने यह भी कहा है कि इस अवधि के दौरान सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाकर नये कानून और आंदोलन से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श करके समाधान निकाल लिया जाएगा. किसान यूनियनों ने इस प्रस्ताव पर अपना निर्णय सुनाने के लिए वक्त मांगा था, इसलिए अगले दौर की वार्ता शुक्रवार को दोहपर 12 बजे तय की गई है.
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सयुंक्त किसान मोर्चा की तरफ से किसान नेता डॉ. दर्शन पाल द्वारा जारी बयान के अनुसार, इस आंदोलन के दौरान 140 किसान अपनी जान गवां चुके हैं. मोर्चा ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "इस जनांदोलन को लड़ते-लड़ते ये साथी हमसे बिछड़े हैं. इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उधर, पूर्व घोषित किसान परेड को लेकर दिल्ली पुलिस के साथ हुई बैठक की जानकारी देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने दिल्ली में प्रवेश न करने की बात कही, वहीं किसानों ने दिल्ली के रिंग रोड पर परेड करने की बात मजबूती से रखी.
Source : News Nation Bureau