Advertisment

Haryana Elections: 10 सीटें जीतकर भी 2019 में 'किंगमेकर' बन गए थे दुष्यंत चौटाला, इस बार कौन सी पार्टी करेगी कमाल

राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो हरियाणा विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय दल सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. जिस तरह से जेजेपी ने 2019 में किंगमेकर की भूमिका निभाई थी.

Advertisment
author-image
Vineeta Kumari
New Update
utala and arvind kejriwal
Advertisment

Haryana Elections: हरियाणा में विधानसभा चुनाव को महज कुछ ही दिन शेष बचे हैं. सभी पार्टियां जोरशोर से तैयारी में जुटी हुई है. हालांकि प्रदेश में दो बड़ी पार्टियां बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने हैं, लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इस बार के विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय दल सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

Advertisment

हरियाणा चुनाव में कौन बनेगा किंगमेकर

पंजाब के बाद आम आदमी पार्टी हरियाणा साधने की तैयारी कर रही है. पहले कांग्रेस और आप मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी, लेकिन सीटों पर बात नहीं बन पाई और फिर आप ने अकेले 90 सीटों पर लड़ने की घोषणा कर दी. इसके लिए आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार चुनावी प्रचार करते नजर आ रहे हैं और खुद को हरियाणवी छोरा बता रहे हैं. वहीं, क्षेत्रीय दलों की बात करें तो जेजेपी और इनेलो पर सबकी निगाहें टिकी हुई है.

arvind kejriwal photo

Advertisment

क्षेत्रीय दल बिगाड़ सकते हैं 'खेल'

दरअसल, 2019 के विधानसभा चुनाव में जेजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था. विधानसभा चुनाव में बीजेपी और जेजेपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप मे उभरी भी, लेकिन वह सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं जीत सकी. जिसके बाद 40 सीटों पर जीत करने वाली बीजेपी ने 10 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी पार्टी जेजेपी के साथ गठबंधन कर राज्य में सरकार बनाया था. मनोहर लाल खट्टर सीएम और जेजेपी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला पहली बार हरियाणा के डिप्टी सीएम बने. इस तरह से 2019 विधानसभा चुनाव में जेजेपी ने किंगमेकर की भूमिका निभाई थी. 

यह भी पढ़ें- Haryana Elections: रोहतक में गरजे केजरीवाल, कहा- प्रदेश को मिलेगी ये पांच गारंटियां

Advertisment

dushyant chautala

2019 में JJP ने निभाई थी किंगमेकर की भूमिका

वहीं, इस साल के शुरुआत में दोनों पार्टियों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया. जिसके बाद जेजेपी और बीजेपी का गठबंधन टूट गया. इस गठबंधन के टूटने के बाद बीजेपी ने निर्दलीय नेताओं के साथ मिलकर दोबारा से बहुमत साबित किया और मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सैनी को प्रदेश का नया सीएम बनाया. दूसरी तरफ दुष्यंत चौटाला ने भी बीजेपी के साथ आगे गठबंधन करने से इनकार कर दिया.

Advertisment

खुद को फिर से साबित कर पाएंगे चौटाला!

बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने के बाद जेजेपी ने लोकसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन जेजेपी का प्रदर्शन काफी खराब रहा. बीजेपी के साथ अलायंस टूटने के बाद जेजेपी के 4 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और तीन विधायकों ने पार्टी से दूरी बना ली. अब जेजेपी में सिर्फ तीन विधायक ही शामिल हैं, जिनमें एक खुद दुष्यंत चौटाल, उनकी मां नैना चौटाला और अमरजीत ढांडा शामिल है. 

abhay chautala

Advertisment

दलित वोटों को साधने की तैयारी

इस बार विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से किंगमेकर बनने के लिए जेजेपी ने पूरा जोर लगाया हुआ है. दुष्यंत चौटाला की पार्टी चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी-काशीराम के साथ अलायंस कर चुनाव लड़ रही है ताकि दलित वोटों को साधा जा सके. वहीं, दूसरी तरफ इनेलो के अध्यक्ष अभय चौटाला ने गोपाल कांडा की हिलोपा और बसपा के साथ अलायंस कर लिया है. इस गठबंधन ने पहले ही अभय चौटाल को अपना सीएम फेस घोषित कर दिया है. दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल भी दावा कर रहे हैं कि बिना उनके सहयोग के हरियाणा में किसी की सरकार नहीं बनने जा रही है. अब देखना यह है कि इस बार कौन सी पार्टी सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका निभाते हैं.

Haryana Elections haryana assembly election 2024 regional party in Haryana Elections Haryana Assembly Election Haryana Elections 2019
Advertisment
Advertisment