Haryana Vidhan Sabha Chunav 2024: हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है और इसको लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है. चुनाव को सफल और निष्पक्ष बनाने के लिए निर्वाचन आयोग ने पोलिंग स्टेशनों की संख्या में वृद्धि का फैसला किया है. हरियाणा में चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एसएस संधू ने चंडीगढ़ का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने चुनाव प्रक्रिया और इससे संबंधित व्यवस्थाओं पर विशेष जोर दिया और मीडिया के समक्ष अपने विचार साझा किए.
817 नए पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे
आपको बता दें कि हरियाणा में इस बार के विधानसभा चुनावों में पोलिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाकर 20,629 की जाएगी, जो पिछले चुनावों की तुलना में 817 अधिक होगी. इनमें से 13,497 पोलिंग स्टेशन ग्रामीण इलाकों में स्थापित किए जाएंगे, जबकि 7,132 शहरी क्षेत्रों में होंगे. चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि हर पोलिंग स्टेशन पर औसतन 977 मतदाता अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे. यह कदम मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया को अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए उठाया गया है, ताकि उन्हें लंबी कतारों और भीड़भाड़ से बचाया जा सके.
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विशेष पोलिंग स्टेशनों की पहल
वहीं चुनाव आयोग ने इस बार के चुनाव में एक नई पहल की है, जिसमें 125 पोलिंग स्टेशनों की जिम्मेदारी पूरी तरह से महिलाओं को सौंपी जाएगी. यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है. इसके अलावा, 116 पोलिंग स्टेशनों की जिम्मेदारी युवा अधिकारियों के कंधों पर होगी, जिससे युवाओं को भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाने का मौका मिलेगा. इसके साथ ही, हर विधानसभा क्षेत्र में एक पोलिंग स्टेशन ऐसा होगा, जिसे दिव्यांग लोगों द्वारा संचालित किया जाएगा. इस तरह की पहल लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी की गई थी, जो बहुत सराहनीय रही थी.
मतदाता सूची और राजनीतिक परिदृश्य
इसके अलावा आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि मतदाता सूची 27 अगस्त तक जारी कर दी जाए, ताकि समय से सभी मतदाताओं को अपने अधिकार का प्रयोग करने का अवसर मिल सके. हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं, और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पिछले 10 वर्षों से सत्ता में है. हालांकि, 2019 में बीजेपी ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन इस साल दोनों दलों के बीच गठबंधन टूट गया है. इसके परिणामस्वरूप, बीजेपी इस बार अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी। इसके अलावा, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) और जेजेपी भी चुनावी मैदान में अपनी ताकत आजमाएंगे. दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) भी हरियाणा में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है और नेताओं ने रैलियों का आयोजन करना शुरू कर दिया है.