Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा की राजनीति में बड़ा मोड़ आ सकता है, क्योंकि राज्य की विधानसभा को भंग करने का प्रस्ताव पारित होने की संभावना जताई जा रही है. बुधवार, 11 सितंबर को हरियाणा कैबिनेट की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा सरकार गुरुवार, 12 सितंबर को राज्यपाल को विधानसभा भंग करने की सिफारिश भेज सकती है. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, हरियाणा सरकार छह महीने के भीतर विधानसभा सत्र न होने की स्थिति में विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकती है.
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छह महीने का समय सीमा समाप्त
आपको बता दें कि हरियाणा विधानसभा का आखिरी सत्र 13 मार्च को आयोजित हुआ था और संवैधानिक तौर पर सत्रों के बीच अधिकतम छह महीने का अंतराल होना चाहिए. यह समय सीमा 12 सितंबर को समाप्त हो रही है, जिससे सरकार के पास केवल दो विकल्प बचे हैं: या तो विधानसभा सत्र बुलाया जाए या फिर विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की जाए. अगर छह महीने के भीतर सत्र नहीं बुलाया जाता, तो यह संविधान का उल्लंघन माना जाएगा.
नायब सिंह सैनी कैबिनेट बैठक की संभावनाएं
वहीं सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार 12 सितंबर को नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक होने की संभावना है, जिसमें विधानसभा को भंग करने का एक-पंक्ति का प्रस्ताव पारित किया जा सकता है. इस प्रस्ताव के पास होने पर हरियाणा विधानसभा आधिकारिक रूप से भंग हो जाएगी. विधानसभा के भंग होने के बाद, राज्यपाल वर्तमान मुख्यमंत्री को कार्यवाहक सरकार के रूप में बनाए रख सकते हैं. इसके साथ ही कैबिनेट के सदस्य भी अपने पदों पर बने रहेंगे, जबकि विधायकों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा.
सरकार के सामने विकल्प
बता दें कि हरियाणा सरकार के सामने फिलहाल दो प्रमुख विकल्प हैं. पहला, विधानसभा सत्र बुलाया जा सकता है, जिससे संविधान की शर्तों को पूरा किया जा सके. दूसरा, विधानसभा भंग करने की सिफारिश की जा सकती है, जिससे राज्यपाल द्वारा कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाएगा. यह फैसला हरियाणा की आगामी चुनावी रणनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है.
आगामी विधानसभा चुनाव
इसके अलावा आपको बता दें कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा पहले ही हो चुकी है, जिसमें 5 अक्टूबर को एक चरण में मतदान होना तय किया गया है. वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी. निर्वाचन आयोग ने हाल ही में चुनाव की तारीखों में बदलाव करते हुए पहले निर्धारित 1 अक्टूबर की तारीख को 5 अक्टूबर तक खिसका दिया था. चुनाव के मद्देनजर हरियाणा की सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप दे रही हैं.