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खत्म होगा किसान आंदोलन, करनाल में चौथे दौर की वार्ता आज

किसान संगठनों और जिला प्रशासन के बीच शनिवार को चौथे दौर की बातचीत होनी है. किसान संगठन की मानें तो विगत तीन दौर की बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई है और काफी मतभेद सुलझा लिए गए हैं.

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Nihar Saxena
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Farmers Protest

7 सितंबर से करनाल में सचिवालय के बाहर चल रहा है किसानों का धरना.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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28 अगस्त को पुलिस कार्रवाई के विरोध स्वरूप करनाल के जिला सचिवालय के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन आज समाप्त हो सकता है. किसान संगठनों और जिला प्रशासन के बीच शनिवार को चौथे दौर की बातचीत होनी है. किसान संगठन की मानें तो विगत तीन दौर की बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई है और काफी मतभेद सुलझा लिए गए हैं. कुछ मुद्दों पर भी आज फैसला हो जाने की संभावना है. गौरतलब है कि बीजेपी की बैठक के दौरान प्रदर्शन करने जा रहे किसानों पर 28 अगस्त को पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था, जिसमें लगभग एक दर्जन किसानों को चोट आई थी. इसके बाद से ही किसान जिला सचिवालय के बाहर 7 सितंबर से धरना दे रहे हैं. इस बीच किसानों को आंदोलन को करनाल बार एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दे दिया है. 

चौथे दौर की बातचीत आज
किसान यूनियनों के 11 सितंबर को आगे की कार्रवाई तय करने के आह्वान से पहले करनाल मिनी सचिवालय में एक बैठक हो रही है. हालांकि बैठक पहले तय नहीं थी, क्योंकि भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने घोषणा की थी कि बातचीत तभी बहाल की जा सकती है, जब एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. बैठक में अपर मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह और करनाल के उपायुक्त निशांत यादव शामिल हो रहे हैं. किसान पक्ष की ओर से बीकेयू अध्यक्ष गुरुनाम सिंह चादुनी व प्रदेश नेतृत्व अपनी मांगें रखेंगे. आयुष सिन्हा को बर्खास्त करने और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर किसान पिछले कई दिनों से करनाल में जिला सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे हैं.

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प्रशासन बातचीत कर सुलझाना चाहता है मसला
उपायुक्त निशांत यादव ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिला सचिवालय का काम सुचारू रूप से चल रहा है. किसान संगठनों के साथ तीन बार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. उन्होंने कहा, 'आम जनता को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्हें अपने किसी आधिकारिक काम में किसी तरह की परेशानी या परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.' उन्होंने कहा कि किसान और प्रशासन के बीच तालमेल बना रहना चाहिए. उन्होंने किसान संगठनों से भी अपील की कि प्रशासन लगातार बात करने को तैयार है, उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं. किसान संगठन कभी भी आकर बात कर सकते हैं.

करनाल बार एसोसिएशन ने भी दिया समर्थन
इस बीच हरियाणा के करनाल में मिनी सचिवालय में चल रहे किसान आंदोलन के शनिवार को पांचवें दिन में प्रवेश करने के साथ, करनाल बार एसोसिएशन ने विरोध को समर्थन दिया. आंदोलन कर रहे किसानों की मांग का प्रतिध्वनित करते हुए एसोसिएशन ने अधिकारी आयुष सिन्हा को तत्काल हटाने की भी मांग की है. करनाल बार एसोसिएशन के सदस्य परमजीत सिंह ने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है. आयुष सिन्हा ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है और हम उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि हम यहां पूरे दिल से किसानों के विरोध का समर्थन करने आए हैं. 28 अगस्त को टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हमारे दो सदस्यों को पुलिस ने बुरी तरह पीटा था. इस क्रूर कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाते हुए करनाल बार एसोसिएशन ने अदालत में दो दिन के काम के निलंबन की मांग की है.

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राज्य सरकार जांच को तैयार
गौरतलब है कि किसानों के विरोध को देखते हुए आयुष सिन्हा का तबादला कर दिया गया है. इसके साथ ही हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने पूरे मामले की राज्य सरकार की जांच कराने का प्रस्ताव किसान संगठनों को दिया है. अनिल विज का कहना है कि धरना-प्रदर्शन करना किसानों का अधिकार है. राज्या सरकार के निर्देश पर मसले को सुलझाने के लिए अधिकारियों से किसान संगठन के नेताओं से बातचीत करने को कहा गया है. किसान संगठन की उचित मांगे जरूर मानी जाएगी. सरकार पूरे मामले की जांच को तैयार है. 

HIGHLIGHTS

  • अधिकारियों से चौथे दौर की बातचीत आज
  • पांचवा दिन है किसानों के धरना-प्रदर्शन का
  • पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में हैं किसान
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