हरियाणा के गुरुग्राम में भीड़ द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को पीटे जाने के मामले में पुलिस ने एक और युवक को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपी युवक की पहचान गुरुग्राम के नया गांव निवासी अमित के रूप में हुई है. गुरुग्राम के भोंडसी में 21 मार्च को 40-50 की संख्या में भीड़ ने एक मुस्लिम परिवार के सदस्यों को घर में घुसकर बेरहमी से लाठी-डंडों से पिटाई कर दी थी, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. गुंडों के द्वारा इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले में अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया है और इन सबसे पूछताछ की जा रही है.
पुलिस के अनुसार, होली के दिन भोंडसी इलाके में क्रिकेट खेलने के खिलाफ पीड़ित परिवार के लोगों को लाठी-डंडों से बुरी तरह पीट दिया. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं 307 (हत्या का प्रयास), 148 (दंगा), 149, 323, 452, 506 के तहत केस दर्ज किया है.
गुरुग्राम के सहायक पुलिस आयुक्त शमशेर सिंह ने बताया, 'हमने घटना का वीडियो ले लिया है आरोपियों की पहचान करनी शुरू कर दी है.' अधिकारी ने कहा कि पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के हैं. उन्होंने कहा कि घटना गुरुवार शाम (21 मार्च) की है जब वे लोग भुप सिंह नगर में घर के बाहर क्रिकेट खेल रहे थे.
शमशेर सिंह ने कहा, 'शाहिद नाम के एक पीड़ित ने अपने बयान में कहा है कि हमलावरों ने (जो नशे की हालत में थे) पहले तो उन्हें सड़क पर क्रिकेट खेलने से मना किया और फिर इसके बाद कहा-सुनी होने लगी जिसके बाद हमलावरों ने डंडों, तलवारों, लोहे की छड़ों, हॉकी स्टिक और पानी के पाइप से उन्हें पीटना शुरू कर दिया.'
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पीड़ितों ने खुद को बचाने के लिए एक घर का सहारा लिया लेकिन हमलावर वहां भी पहुंच गए. उग्र हमलावरों ने पीड़ितों के घर पर पथराव भी किया. पीड़ितों में शामिल मोहम्मद शमशाद ने बताया कि 100 नंबर पर फोन करने के बावजूद पुलिस उन्हें बचाने नहीं आई.
इस घटना की एक पीड़िता समैरा ने कहा कि हमलावर लाठी और छड़ लेकर आए और होली के दिन क्रिकेट खेलने से मना कर दिया. उन्होंने कहा, 'उन लोगों ने घर की खिड़की और दरवाजों को तोड़ दिया और हमारे परिवार को बुरी तरह से पीटा.'
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वहीं इस घटना के एक और पीड़ित दिलशाद ने कहा, 'हम भारत से प्यार करते हैं. यह दुखद है जब कोई मुस्लिमों को कहता हैं कि उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए. हिंदू और मुसलमान भाई हैं. चाहे हिंदू हो या मुसलमान, हम भारतीय हैं.'
इस घटना को अपने फोन में रिकॉर्ड करने वाली दनिस्ठा ने कहा, 'हमने दरवाजा बंद करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मेरी चाची को मारा. उन्होंने मेरे भाइयों और चाचा को मारा. मैं मदद के लिए चिल्ला रही थी लेकिन हमें बचाने के लिए कोई नहीं आया.'
Source : News Nation Bureau