हरियाणा में चुनाव से पहले कांग्रेस के अंदर कलह बढ़ती ही जा रही है. हाल ही में सिरसा के कांग्रेस भवन में सांसद कुमारी सैलजा का जन्मदिन मनाया गया. इस दौरान हवन यज्ञ और केक काटने के मौके पर आपसी फूट देखने को मिली. सांसद के बर्थ डे पर हुड्डा गुट के एक या दो नेताओं को छोड़कर अधिकतर नेता हवन-यज्ञ कार्यक्रम से दूरी बनाए हुए दिखे. इसके अलावा सैलजा गुट के कार्यकर्ता प्रत्याशी की मीडियावार्ता आदि कार्यक्रम से भी दूरी बनाए हुए दिखाई पड़े.
केक काटने के दौरान दिखी दरार
दरअसल, सांसद कुमारी सैलजा के जन्मदिन का आयोजन था. इस मौके पर केक काटने के दौरान ही कार्यकर्ताओं में खिटपिट हो गई थी. यहां कुछ मिनट बहस चलती रही, इस बीच कांग्रेसी नेता राजेश चांडीवाल ने हाथ जोड़कर दोनों गुटों के लोगों को शांत करवाया ताकि विवाद आगे न बढ़े. इतना ही नहीं केक काटने का कार्यक्रम होने के बाद सैलजा गुट के बड़े नेता कांग्रेस कार्यालय से प्रत्याशी से बिना मिले ही निकल गए. इसके अलावा प्रेसवार्ता में भी सैलजा गुट के नेता प्रत्याशी के साथ नहीं दिखाई दिये.
टिकट वितरण के बाद से कलह शुरू
बता दें कि हरियाणा कांग्रेस के अंदर टिकट वितरण के बाद से ही कलह शुरू हो गई थी. जैसे-जैसे विधानसभा चुनावों का समय आया और टिकट की घोषणा हुई, दोनों गुटों के दूरियां बढने लगीं. खासतौर पर 10 दिन पहले कांग्रेस में शामिल हुए गोकुल सेतिया को सिरसा से टिकट देने पर सैलजा गुट के बड़े नेता नाराज हो गए. वह कई मंचों पर कांग्रेस के लिए की गई मेहनत व संघर्ष के बारे में बताते नजर आए. सिरसा ही नहीं, रानियां सीट पर हुड्डा गुट के प्रत्याशी को टिकट देने पर बड़े नेताओं में गुस्सा बरकरार है. अभी तक किसी ने रानियां में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रचार प्रसार नहीं किया है.
कुमारी सैलजा को मिला था भाजपा का ऑफर
बता दें कि बीते दिन कुमारी सैलजा की कथित नाराजगी की चर्चा चारों ओर दिखाई दी थी. हालांकि, उन्होंने एमएल खट्टर के बीजेपी में शामिल होने के ऑफर पर तस्वीर साफ कर दी थी. उन्होंने कहा, 'बीजेपी के जो भी नेता आज टिप्पणी कर रहे हैं उससे काफी लंबा राजनीतिकजीवन मेरा रहा है. मुझे किसी नसीहत की जरूरत नहीं है. मैं खुद अपना रास्ता तय करना जानती हूं. बीजेपी हो या कोई और दल, मुझे लेकर केवल भ्रम फैलाए जा रहे हैं. शैलजा ने कहा कि उनके रगों में कांग्रेस का खून है. जैसे मेरे पिता तिरंगे में लिपटकर आए थे वैसे ही शैलजा भी तिरंगे में लिपटकर जाएगी'.