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Haryana Next CM: हरियाणा में कांग्रेस के लिए आसान नहीं मुख्यमंत्री पर निर्णय, जानें क्या है वजह

Haryana Election Results: हरियाणा चुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं. रुझानों में बीजेपी को बहुमत मिलता दिख रहा है. जबकि शुरुआती रुझानों में कांग्रेस आगे चल रही थी, अगर राज्य में कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो सीएम पद के लिए चेहरा तय करना उसके लिए चुनौती होगी.

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Suhel Khan
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Bhupinder singh hooda and Surjewala

भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला (File Photo)

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Haryana Election Results: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं. शुरुआती रुझानों में कांग्रेस आगे चल रही थी तो वहीं अब बीजेपी को बहुमत मिलता दिख रहा है. अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तब भी कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं होगी, क्योंकि कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर पहले से ही कलह मची हुई है. क्योंकि कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में पूर्व सीएम भूपेंद्रसिंह हुड्डा के अवाला कुमारी सैलजा का नाम भी शामिल है. इनके अलावा रणदीप सुरजेवाला भी मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी जता चुके हैं.

सैलजा और हुड्डा का नाम सीएम पद की रेस में

हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने पर पूर्व सीएम भूपेंद्रसिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा का नाम सीएम पद के लिए सबसे आगे है. क्योंकि पार्टी ने सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा है ऐसे में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले हुड्डा समर्थकों की संख्या ज्यादा है. वहीं कुमारी सैलजा भी पार्टी की वफादार रही हैं और पार्टी नेतृत्व के साथ उनके अच्छे रिश्ते हैं.

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जबकि रणदीप सुरजेवाली राहुल गांधी के करीबी और भरोसेमंद है, अगर हरियाणा में कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो पार्टी के लिए मुख्यमंत्री का नाम तय करना काफी मुश्किल भरा हो सकता है.दरअसल, हुड्डा समर्थकों का एक बड़ा धड़ा दीपेंद्र हुड्डा को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश कर रहा है तो वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अभी तक इस पर चुप्पी नहीं तोड़ी है. फिलहाल भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा का नाम भी मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है.

हुड्डा की प्रदेश में पहचान

वैसे तो हरियाणा जाट लैंड कहा जाता है लेकिन लेकिन यहां दलितों की भी संख्या कम नहीं है. राज्य में 22 प्रतिशत जाट तो 21 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग हैं. ऐसे में कांग्रेस को सीएम का चुनाव करते वक्त दोनों के बीच संतुलन बनाना होगा. क्योंकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी के वरिष्ठ नेता है और राज्य के दो बार मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. ऐसे में पूरा राज्य उनकी पहचान से परिचित है. इसके साथ ही वह लगातार जमीन पर लड़ाई भी लड़ते रहे हैं.

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कुमारी सैलज भी पार्टी की भरोसेमंद

वहीं कुमारी सैलजा भी पार्टी की भरोसेमंद सिपाही रही हैं. वह केंद्र सरकार में मंत्री रह चुकी हैं, इसके साथ ही संगठन में भी कई अहम पदों की जिम्मेदारी निभा चुकी है. वह हरियाण कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. इसके अलावा वह पार्टी का पढ़ा लिखा चेहरा हैं अगर वह मुख्यमंत्री बनती है तो वर्तमान में वह देश की अकेली दलित मुख्यमंत्री होंगी. जो देशभर के दलितों के लिए बड़ा संदेश होगा. वहीं कुमारी सैलजा के बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के भरोसेमंद माने जाते हैं. वह प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं. हालांकि दोनों के साथ दिक्कत ये है कि दोनों ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा.

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उदयभान भी सीएम पद के दावेदार

अगर कुछ बदलाव किया गया तो भूपेंद्र हुड्डा सीएम पद के लिए प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का नाम भी पेश कर सकते हैं. क्योंकि उदयभान भूपेंद्र सिंह हुड्डा के भरोसेमंद माने जाते हैं पार्टी सूत्रों के मुताबिक, उदयभान कह भी चुके हैं कि वह भी सीएम पद के दावेदार हैं.

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