हरियाणा के करनाल जिले के हरसिंघपुरा गांव में पांच वर्षीय एक बच्ची 50 फुट गहरे बोरवेल में गिर गई और बाद में उसकी मौत हो गई. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घरौंदा इलाके में रविवार को खेत में खेलते समय वह बोरवेल में गिर गई थी यह बोरवेल उसके परिवार का ही है. घटना की जानकारी मिलते ही बच्ची को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया लेतिव बाद में बच्ची की मौत हो गई.
जैसे ही उसके परिवार को बच्ची के लापता होने का पता चला उन्होंने उसे ढूंढना शुरू कर दिया था लेकिन बाद में पता चला कि वह बोरवेल में गिर गई है. अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन और पुलिस को घटना की जानकारी दी गई और बचाव अभियान शुरू किया गया. बाद में एनडीआरएफ को भी घटना की जानकारी दी गई.
पुलिस ने बताया कि बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन पहुंचा दिया गया. बच्ची का पता लगाने के लिए बचावकर्मियों ने कैमरे का इस्तेमाल किया, जिससे उन्हें उसका पैर दिखा है. बच्ची को यह एहसास कराने के लिए कि वह अकेली नहीं है, उसके माता-पिता की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी बोरवेल में चलाई गई. बता दें, पिछले कुछ दिनों में बच्चों के बोरवेल में गिरने की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है.
यह भी पढ़ें: हरियाणा में कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुना विधायक दल का नेता
पंजाब के संगरूर जिले में जुलाई में 150 फुट गहरे बोरवेल में गिरे दो वर्षीय फतेहवीर सिंह की जान चली गई थी. इससे पहले उसे बचाने के लिए करीब चार दिन तक मशक्कत की गई थी. वहीं हरियाणा के हिसार में मार्च में बोरवेल में गिरे 18 महीने के बच्चे को बचा लिया गया था, वह करीब दो दिन तक बोरवेल में फंसा रहा था.
यह भी पढ़ें: हरियाणा सरकार का ऐलान, पराली जलाने की सूचना देने पर मिलेगा इनाम
बच्चों के बोरवले में गिरने की सबसे पहली और चर्चित घटना 2006 में हुई थी, जब कुरुक्षेत्र गांव में बोरवले में गिरे पांच वर्षीय प्रिंस को करीब 48 घंटे चले बचाव अभियान के बाद बचा लिया गया था.
Source : भाषा