हरियाणा कांग्रेस में पड़ रही अंदरूनी दरार अब भरती नजर आ रही है. विधानसभा चुनाव के प्रचार से 12 दिनों तक दूर रहने वालीं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा एक बार फिर एक्टिव हो गई हैं. वह गुरुवार से प्रचार अभियान में उतरी हैं, इसको लेकर उन्होंने बुधवार को अपने कार्यलय की तरफ से उनका कार्यक्रम भी जारी कर दिया. सूचना के मुताबिक खुद सैलजा ने यह फैसला मंगलवार की रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद लिया था.
क्यों नाराज थी कुमारी सैलजा
बता दें कि कुमारी सैलजा13 सितंबर को अंतिम बार सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुई थीं. इसके बाद से वह सोशल मीडिया पर भी सक्रिय नहीं थीं. उनके कार्यालय की तरफ से भी किसी तरह का कोई बयान आदि जारी नहीं किया गया. दरअसल, टिकट बंटवारे में सैलजा गुट की नहीं चली. सैलजा ने जिन नामों का ऐलान पब्लिक में किया था. उसे भी टिकट नहीं मिला. इसका बड़ा उदाहरण नारनौंद के अजय चौधरी हैं. यहां से कांग्रेस ने जसबीर पेटवाड़ को उम्मीदवार बनाया है.
इसके अलावा प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया की कार्यशैली थी. सैलजा बाबरिया के उन बयानों से नाराज थीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि सांसद विधायकी का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. सैलजा का कहना था कि हाईकमान को ही फैसला करने का हक है.
सीएम पद का भी ठोका था दावा
इधर, कांग्रेस सूत्रों की मानें तो हिस्सेदारी को लेकर भी सैलजा ने नाराजगी जाहिर की थी. उन्हें लग रहा था कि जिस तरह से अभी उनके समर्थकों को इग्नोर किया गया है, उसी तरह सरकार आने पर भी किया जा सकता है. अभी अगर वे कुछ नहीं कर पाएंगी, तो सरकार आने पर उनके लिए चीजें आसान नहीं रहेगी. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर भी दावा ठोका है.
हालांकि, अब इस सियासी तनातनी के बीच कुमारी सैलजा को मंगलवार रात राहुल गांधी का फोन आया और फिर सैलजा खरगे से मिलीं. इस मुलाकात के बाद सैलजा ने सब-कुछ सामान्य होने का दावा किया.
राहुल गांधी के साथ साझा किया मंच
कुमारी सैलजा ने आज राहुल गांधी के साथ मंच साझा किया है. उनके कार्यालय की तरफ से जारी कार्यक्रम के अनुसार, सैलजा असंध से पार्टी प्रत्याशी शमशेर गोगी के समर्थन में होने वाली रैली में शामिल हुई हैं. शमशेर गोगी सैलजा समर्थक हैं. इसके बाद सैलजा टोहाना से कांग्रेस उम्मीदवार परमवीर सिंह और हिसार से उम्मीदवार राम निवास राड़ा के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित करेंगी. गौरतलब है कि आज ही के दिन राहुल गांधी की करनाल और हिसार में रैलियां हैं.
कितनी मजबूत हैं कुमारी सैलजा?
बता दें कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव कुमारी सैलजा ने हरियाणा से ज्यादा राष्ट्रीय राजनीति की है. वह एक मजबूत दलित नेता हैं. एक अनुमान के मुताबिक यहां पर करीब 20 प्रतिशत दलित हैं, जिनके लिए विधानसभा की 17 सीटें आरक्षित की गई है. हालांकि 6 बार की सांसद सैलजा मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रह चुकी हैं. वह छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड जैसे राज्यों का प्रभार संभाल चुकी हैं.