के.एम.पी एक्सप्रेस वे की निर्माण कंपनी एस्सेल इंफ्राप्रोजेक्टस, कुंडली मानेसर एक्सप्रेस वे लिमिटेड, पैन इंडिया इंफ्राप्रोजेक्टस प्राइवेट लिमिटेड, द्वारा प्रोजेक्ट में कई वित्तीय अनियमतायों (financial irregularities)का जिक्र है, National Company Law Tribunal Court(Nclt) रोककर स्पेशल ऑडिट कराने व 3 क्रिमिनल केस का ज़िक्र किया है. शिकायत में, के.एम.पी प्रोजेक्ट में भारी वित्तीय अनियमतायें /प्रोजेक्ट में हुई अनियमतायें ,व सरकारी कर की चोरी-Goverment taxes evasion का जिक्र है. kme प्रोजेक्ट की शुरुआत से PIIPL-Pan india infraprojects private limited के NCLT कोर्ट तक जाने की पूरी जानकारी है, सभी शिकायत बिन्दुओ पर माननीय हाइकोर्ट पंजाब एंड हरियाणा की डबल बैंच ने लिया संज्ञान. याचिका में प्रोजेक्ट की CoD (Clearance of the Departmant) रोककर , प्रोजेक्ट की स्पेशल ऑडिट की मांग की गई हैं.
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जितेन्द्र यादव द्वारा की गई शिकायत में निम्नलिखित को इस केस में पार्टी बानकर अपील की गई हैं- के.एम.पी एक्सप्रेस वे की निर्माण कंपनी एस्सेल इंफ्राप्रोजेक्टस, कुंडली मानेसर एक्सप्रेस वे लिमिटेड, पैन इंडिया इंफ्राप्रोजेक्टस प्राइवेट लिमिटेड, भारत संघ वित्त मंत्रालय के सचिव, निदेशक गम्भीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय, प्रवर्तन निदेशालय, हरियाणा सरकार चीफ सेक्रेटरी, हरियाणा राज्य औद्योगिक ओर बुनियादी ढाँचा विकास निगम विभाग के प्रमुख अधिकारी के.एम.पी,हरियाणा राज्य औद्योगिक ओर बुनियादी ढाँचा विकास निगम विभाग के प्रमुख अधिकारी, कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स गुरुग्राम को शिकायत के आधार को प्रथमदृष्टता सही मानते हुए ,नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
कौन है अधिवक्ता जितेन्द्र यादव
जितेन्द्र यादव जिला गुरुग्राम हरियाणा के आपराधिक अधिवक्ता हैं. अधिवक्ता जितेंद्र यादव , द्वारा सबसे पहले इस सम्बंध में क्रिमिनल केस दर्ज कराया कर इसकी शिकायत की गई थी, जाँच रिपोर्ट में प्रथम जाँच अधिकारी द्वारा भी प्रोजेक्ट में वियतय अनियमतायें पाई गई और प्रोजेक्ट को CoD/ NOC- No Objection Certificate न देने की शिफारिश की गई हैं. बाद में जांच आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की गई है, उक्त जाँच के बिन्दुओ के आधार पर अधिवक्ता जितेन्द्र यादव गुरुग्राम ने माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में शिकायत की, शिकायत पर माननीय पंजाब एंड हरियाणा की डबल बेंच में माननीय न्यायाधीश अजय तिवारी व माननीय न्यायाधीश पंकज जैन की बेंच ने लिया संज्ञान. प्रथमदृष्टया माननीय हाइकोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता की याचिका है संज्ञान योग्य है.