आरक्षण के लिए तीन हफ्तों से जारी जाट आंदोलन फिर से विकराल रुप ले सकता है। सोमवार को मनोहर लाल खट्टर सरकार और प्रदर्शनकारी जाट नेताओं के बीच नए सिरे से बातचीत का दौर शुरू होने वाला है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक 1 मार्च से अहसहयोग आंदोलन का ऐलान कर दिया है।
मलिक ने कहा,' 1 मार्च को प्रदेश के दस जिलों में धरने बढ़ा दिए जाएंगे तथा 2 मार्च को दिल्ली में संसद का घेराव किया जाएगा। वहीं इससे पहले 26 फरवरी को पूरे हरियाणा में काला दिवस मनाएंगे।' 26 फरवरी के बाद दिल्ली के लिये दूध और सब्जी की सप्लाई को भी पूरी तरह बंद कर दिया जायेगा। मलिक ने कहा जब तक उनकी मांगें नहीं पूरी की जातीं, तब तक जाट समुदाय असहयोग के रास्ते पर चलेगा और समुदाय के सदस्य बिजली-पानी का बिल नहीं जमा करेंगे।
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पिछले साल के आंदोलन के पीड़ितो के लिए सरकार की ओर मुआवजे देने की घोषणा को मलिक ने चाल बताया। मलिक ने कहा,' सरकार ने जल्दबाजी में मुआवजा बांटा है, जो काफी कम है। उन्होंने सरकार में बैठे मंत्रियों व समाज के नेताओं पर भी आंदोलन को तोड़ने के प्रयास का आरोप लगाया।'
प्रदेश के भिवानी, जिंद, कैथल, पानीपत, हिसार, करनाल, दादरी, कुरुक्षेत्र, मेवात और पंचकुला में आंदोलन तेज करने की धमकी दी गई है।
Source : News Nation Bureau