हरियाणा के 19 जिलों में जाट आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जाट समुदाय के नेताओं और सरकार के बीच बातचीत शनिवार को बेनतीजा समाप्त हो गई। जबकि विरोध प्रदर्शन का शनिवार को 14वां दिन था।
आल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति एआईजेएएसएस के अध्यक्ष, यशपाल मलिक के नेतृत्व में जाट नेताओं ने हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की एक समूह के साथ शनिवार को पानीपत रिफायनरी के अतिथि गृह में बैठक की।
बैठक के लिए जाने से पहले जाट नेताओं ने कहा कि वे राज्य सरकार से पूछेंगे कि पूर्व की बैठकों में जिन मांगों को मान लिया गया था और सरकार ने जो वादे किए थे, उन्हें लागू क्यों नहीं किया गया। आंदोलनरत जाट नेताओं और हरियाणा सरकार के बीच बातचीत करने का गतिरोध शुक्रवार को समाप्त हुआ।
हरियाणा सरकार ने जाट समुदाय को आरक्षण देने को लेकर बातचीत करने के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में मंगलवार को पांच सदस्यीय समिति गठित की थी। जाट आंदोलन अभी तक शांतिपूर्ण बना हुआ है। जाट समुदाय का एक वर्ग 29 जनवरी से आंदोलन पर है।
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आंदोलनकारियों की मांगों में जाटों के लिए आरक्षण, पिछले वर्ष जाट आंदोलन में हुई हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के रिश्तेदारों को नौकरी, उनके खिलाफ दायर मामले वापस लेने और जाटों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने संबंधित मांगें शामिल हैं।
पिछले वर्ष जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हो गए थे। फरवरी 2016 में हुई हिंसा के दौरान करोड़ों रुपये मूल्य की सरकारी और निजी संपत्ति क्षतिग्रस्त हो गई थी।
HIGHLIGHTS
- आरक्षण को लेकर हो रहे आंदोलन जाट समुदाय और सरकार के बातचीत विफल
- जाट समुदाय का एक वर्ग 29 जनवरी 2017 से आंदोलन पर है
- पिछले वर्ष जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोगों की मौत हो गई थी
Source : IANS