हरियाणा में जारी जाट आंदोलन को लेकर रविवार को एक नया मोड़ आ गया है। जब लंबे समय से जारी हरियाणा सरकार और जाट आंदोलनकारियों के बीच एक बार फिर से बातचीत की कड़ी जुड़ गई। आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार से होने वाला जाट आंदोलन अब 15 दिन के लिए टाल दिया गया है। आरक्षण के मुद्दे पर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि आरक्षण का मुद्दा कोर्ट में है और जाट कम्युनिटी को न्याय जरूर मिलेगा।
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और जाट नेता यशपाल मलिक के बीच जाट आंदोलन को लेकर हुई बातचीत सफल हुई। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने जाट मुद्दे पर कहा कि आरक्षण का मुद्दा कोर्ट में है और जाट कम्युनिटी को न्याय जरूर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार जाटों की मांगों के प्रति पूरी तरह गंभीर है और उम्मीद है आज पूरे मामले का समाधान हो जाएगा। सरकार जाटों को आरक्षण दे चुकी है और हाई कोर्ट द्वारा लगई गई अंतरिम रोक को हटवाने के लिए पूरी मजबूती से पैरवी कर रही है।
साथ ही हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र आरक्षण के मुद्दे पर यह विश्वास दिलाया है कि राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्तियां होने के बाद केंद्र में जाट आरक्षण की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।
जाट आंदोलन के दौरान पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जायेगा
जाट आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामले वापस लेने पर विचार किया जाएगा। जाट आरक्षण के दौरान दिव्यांग हुए लोगों को स्थायी नौकरी दी जाएगी और घायलों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।
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क्या है जाट आंदोलन?
आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा के जाट समुदाय के लोग पिछले एक साल से प्रदर्शन कर रहें हैं। हाल ही में जंतर-मंतर पर भी जाटों ने आरक्षण को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया था। गौरतलब है कि रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और जाट नेताओं के बीच एक बैठक हुई थी जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। इस बैठक में खट्टर के अलावा, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बिरेंद्र सिंह भी मौजूद थे।
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अन्तर्गत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग के अलावा जाट पिछले साल के आंदोलन के दौरान जेल में बंद लोगों को रिहा करने, प्रदर्शन के दौरान दायर किये गये मामलों को वापस लेने और इस दौरान मारे गये और घायल हुए लोगों के परिजनों को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं।
सोमवार से शुरू होना था आंदोलन
सोमवार को जाट आंदोलन शुरू होने वाला था जिसके मद्देनज़र जाटों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान में निषेधाज्ञा लागू की गयी थी। शराब बेचने, हथियार लाने ले जाने, रेल की पटरियों के पास पांच या अधिक लोगों के एकत्रित होने और राजकीय-राष्ट्रीय राजमार्गो पर पांच या अधिक लोगों को ले जा रहे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।ल्ली में मेट्रो और सड़क परिवहन के कुछ हिस्से भी इससे प्रभावित होने वाले थे। साथ ही
Source : News Nation Bureau