पत्रकार छत्रपति हत्याकांड (Chhatrapati Murder Case) में सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख (Dera Chief) गुरमीत राम रहीम (Ram Rahim) को गुरुवार को सीबीआई कोर्ट (CBI Court) अबसे कुछ ही देर में सजा का ऐलान करेगा. गुरमीत को दोपहर दो बजे सजा सुनाई जाएगी. जज जगदीप सिंह लोहान (Jagdip Singh Lohan) ने इस हत्याकांड पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आइए जानते हैं कौन हैं जज जगदीप सिंह जिन्होंने इस बाबा के खिलाफ पहले भी एक फैसला सुना चुके हैं, जिसके तहत 20 साल की सजा सुनाई गई थी.
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जगदीप सिंह लोहान की आठवीं कक्षा तक की शिक्षा उनके गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई. पंजाब यूनिवर्सिटी में क़ानून की पढ़ाई के बाद वर्ष 2012 में जगदीप सिंह ने ज्यूडिशियल सर्विस में प्रवेश किया. वे साल 2000 और 2012 में कई सिविल और क्रिमिनल केस लड़ चुके हैं. वे सीबीआई कोर्ट पंचकूला में जज हैं.
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ज्यूडिशियल सर्विस में आने से पहले जगदीप सिंह पंजाब और हरियाणा के उच्च न्यायालय में वकील थे. ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले सीबीआई न्यायाधीश जगदीप सिंह लोहान दो भाइयों में छोटे हैं. उनके बड़े भाई डॉ. राजबीर सिंह लोहान लोक संपर्क विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर गुड़गांव में तैनात हैं. उनके पिता बलबीर सिंह की मौत हो चुकी.
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जगदीप सिंह सितंबर 2016 में सुर्खियों में आए, जब उन्होंने हादसे में घायल हुए चार लोगों की जिंदगी बचाई. एक बार जगदीप सिंह हिसार से पंचकूला आ रहे थे. रास्ते में एक एक्सीडेंट हो गया. इसमें चार लोग घायल हो गए. जगदीप सिंह ने तुरंत अपनी गाड़ी रुकवाई और घायलों को गाड़ी से बाहर निकाला. फिर उन्होंने एंबुलेंस को कॉल की, लेकिन एंबुलेंस को आने में समय था. इसलिए उन्होंने एक गाड़ी रुकवाई और चारों घायलों को अस्पताल पहुंचाया.
Source : News Nation Bureau