Haryana Elections: आपने एक मुहावरा जरूर सुना होगा, एक अनार सौ बीमार. इसका मतलब होता है कि सामान कम है, लेकिन उसके लिए लोग ज्यादा हैं. कुछ ऐसा ही हरियाणा विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है. दरअसल, दो प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर कई दावेदार अब तक सामने आ चुके हैं और दोनों ही पार्टियों ने इन दावेदारों पर चुप्पी बनाई हुई है.
सीएम पद के लिए कई दावेदार
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो दोनों पार्टियां सीएम उम्मीदवार पर खुलकर इसलिए बात नहीं कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि कई सीएम उम्मीदवार होने से उन्हें फायदा मिलेगा. इससे नेताओं के समर्थक में अलग जोश देखने को मिल रहा है. इन सबके बीच सवाल यह उठता है कि जिसे बीजेपी और कांग्रेस फायदा समझ रहे हैं, वह उनके लिए चुनाव के बाद बड़ी समझदारी बन सकती है.
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चुनाव के बाद बीजेपी-कांग्रेस की बढ़ेगी सिरदर्द!
कांग्रेस की तरफ से भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला ने खुद सीएम उम्मीदवारी पेश कर दी है. वहीं, बीजेपी में सीएम नायब सैनी के अलावा केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत सिंह और अनिव विज भी सीएम उम्मीदवारी पेश कर चुके हैं. अब तक ना ही कांग्रेस और ना ही बीजेपी ने इस पर खुलकर कुछ बोला है.
कांग्रेस और बीजेपी में कई सीएम उम्मीदवार
आपको बता दें कि कांग्रेस की तरफ से प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएम उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा था. इस बीच दलित नेता कुमारी सैलजा और दिग्गज नेता रणदीप सुरजेवाला मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी पेश कर चुके हैं. तीनों ही नेताओं के बीच टकरार के बाद भी कांग्रेस पार्टी ने किसी भी उम्मीदवार के नाम पर आधिकारिक मुहर नहीं लगाई है. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इससे सभी नेताओं के समर्थक में जोश रहेगा. जिसका फायदा कांग्रेस को चुनाव में मिलेगा.
मिलेगा फायदा या होगा नुकसान
बीजेपी नायब सिंह सैनी की अगुवाई में हरियाणा में चुनाव लड़ रही है. बावजूद इसके केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और अनिल विज ने भी सीएम पद की दावेदारी पेश कर दी है. राव इंद्रजीत सिंह अहीर हैं और विज पंजाबी हैं. दोनों तबके के वोटर्स को लुभाने के लिए बीजेपी ने भी इस दावेदारी पर चुप्पी साध रखी है.