दिल्ली उच्च न्यायालय ने शिक्षकों की भर्ती में घोटाले के मामले में 10 साल कारावास की सजा काट रहे इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) की एक सप्ताह की पैरोल को मंगलवार को मंजूरी दे दी ताकि वे अपने पोते के सगाई समारोह में शामिल हो सकें. न्यायमूर्ति आई एस मेहता ने चौटाला को निर्देश दिया कि वह पीड़ितों के परिवार के किसी सदस्य से इस दौरान संपर्क नहीं करेंगे, उन्हें नहीं धमकाएंगे या उनके खिलाफ बलप्रयोग नहीं करेंगे.
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अदालत ने कहा कि 85 वर्षीय नेता को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और समान राशि की दो जमानत राशियां जमा करने पर सात दिन के लिए रिहा किया जाएगा. अदालत ने अपने आदेश में निर्देश दिया कि चौटाला इस दौरान किसी प्रकार की अवैध गतिविधि में शामिल नहीं होंगे और वह पैरोल की अवधि समाप्त होने के बाद जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करेंगे.
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ओम प्रकाश चौटाला का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन और वकील अमित साहनी ने चार सप्ताह की पैरोल मांगते हुए कहा था कि चौटाला के पोते की सगाई की तिथि 18 जुलाई तय हुई है और वहां उनकी उपस्थिति अनिवार्य है. दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (आपराधिक) राहुल मेहरा ने कहा कि सगाई समारोह संबंधी पेश किए गए तथ्य की पुष्टि की गई है और इसे सही पाया गया है. चौटाला, उनके बेटे अजय और तीन अन्य दोषी इस मामले में 10-10 साल कारावास की सजा भुगत रहे हैं.
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बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं. ओमप्रकाश चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और मनी लान्ड्रिंग का केस चल रहा है. यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग के तहत दर्ज हुई FIR को लेकर हुई है.