पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में महिलाओं से बलात्कार हुए थे। तमाम गवाहों के बयान और घटनास्थल से मिले सबूत इस बात की ओर इशारा करते हैं।कोर्ट ने कहा,'हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में गैंगरेप हुआ था, साक्ष्य यह बात खुद कह रहे हैं, हरियाणा सरकार इससे इनकार नहीं कर सकती है।'
इस फैसले के बाद कोर्ट ने राज्य पुलिस की विशेष जांच टुकड़ी से जल्द आरोपियों को पकड़ने के लिए कहा है। कोर्ट की तरफ से एक टैक्सी ड्राइवर के बयान का हवाला देते हुए कहा गया है कि उसकी टैक्सी से महिलाओं को जबरदस्ती बाहक निकाला गया था जो इस ओर इशारा करते हैं कि रेप हुआ है। हाई कोर्ट ने एसआईटी से निचली अदालत में एक एफिडेविट फाइल करने को कहा जिसमें कहा गया था कि रेप के आरोप हटाए नहीं गए हैं और जांच अभी तक जारी है।
एसआईटी की रिपोर्ट में बताया गया कि अंतवस्त्रों पर जो सीमन पाए गए थे उनका मिलान हिरासत में लिए गए आरोपियों के सीमन से नहींं हुआ था। ऐसे में उन आरोपियों से रेप की धारा हटा कर चालान पेश किया गया है।
हरियाणा सरकार की ओर से कहा गया कि अभी तक की जो स्थिति है उसके अनुसार न तो कोई पीडि़ता है और ही कोई चश्मदीद गवाह। ऐसे में गैंगरेप की बात अभी तक साबित नहीं होती है लेकिन जांच जारी है और संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
इस मामले पर अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।
Source : News Nation Bureau