कोरोना संकट के बीच करनाल से सैकड़ों किसान टिकरी बॉर्डर रवाना, प्रदर्शन में होंगे शामिल

खबर आ रही है कि राजधानी दिल्ली की टिकरी सीमा (Tikri Border) पर जारी किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए करनाल से हजारों किसान एक साथ निकल रहे हैं.

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Avinash Prabhakar
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Farmers protest( Photo Credit : ANI)

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देश में कोरोना की दूसरी लहर अभी थमा नहीं है और किसान फिर से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन के लिए इकठ्ठा होना शुरू हो गए हैं. कोरोना वायरस को लेकर सरकारें सख्त रवैया अपना रही हैं. इसी बीच खबर आ रही है कि राजधानी दिल्ली की टिकरी सीमा (Tikri Border) पर जारी किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए करनाल से हजारों किसान एक साथ निकल रहे हैं. बताया जा रहा है कि ये सभी किसान भारतीय किसान यूनियन (उग्रहण) के सदस्य हैं और पिछले साल से चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने आ रहे हैं. 

भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह ने बताया कि हम करनाल से हजारों वाहनों के साथ दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे हैं.  उन्होंने आगे बताया कि हर हफ्ते 1-1  जिले के लोगों को इकट्ठा करेंगे और प्रदर्शन स्थल पर लेकर जायेंगे. यूनियन नेताओं ने कहा कि 1650 गांवों से 20 हजार से ज्यादा लोग को दिल्ली पहुँचाया जायेगा. ऐसे में किसानों का फिर से  टिकरी बॉर्डर पर इकठ्ठा होना इस महामारी को न्योता देना जैसा है. खबर है कि बठिंडा-डबवाली, खनौरी-जींद और सारदुलगढ़-फतेहाबाद सीमाओं से बस, वैन और ट्रैक्टरों के जरिए किसानों को टिकरी बॉर्डर पहुँचाया जायेगा.

बता दें कि टिकरी बॉर्डर पर हर रोज सभाएं आयोजित की जा रही हैं, जिसमें सैकड़ों लोग हिस्सा रहे हैं. इस दौरान ज्यादातर लोग ना तो मास्क पहन रहे हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग नजर आ रही है. ऐसे में किसान आंदोलन के बीच कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना बनी हुई है. किसान नेताओं का कहना है कि डरने की जरूरत नहीं है. कोरोना की वजह से आंदोलन खत्म नहीं किया जा सकता है. हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि किसान आंदोलन के दौरान लोगों से मास्त पहनने और दूरी बनाए रखने की अपील की जा रही है. साथ ही किसान अपने घरों से वैक्सीन भी लगा कर आ रहे हैं.

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान बीते साल से प्रदर्शन कर रहे हैं. दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक किसी ठोस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है. सरकार ने किसानों को तीन कानूनों को डेढ़ साल के लिए निलंबित करने के प्रस्ताव दिया है. हालांकि, किसान इन कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं. 

Source : News Nation Bureau

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