हरियाणा सरकार को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है. दरअसल, हरियाणा सरकार ने प्रदेश में फैसला लेते हुए सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को सरकारी नौकरी में 5 बोनस नंबर दिए जाने पर रोक लगा दी है. इस रोक के बाद 23 हजार युवाओं की नौकरी दांव पर लग चुकी है. वहीं, सीएम नायब सैनी ने दावा करते हुए कहा कि प्रदेश के 23 हजार युवाओं की नौकरी पर कोई खतरा नहीं आएगा. अब ऐसी स्थिति में सरकार के पास सिर्फ दो विकल्प बचे हैं या तो इसे लेकर विधानसभा में विधेयक लेकर आए या फिर सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार को लेकर याचिका दायर करे.
क्या है पूरा मामला?
हरियाणा में 2022 में एक अधिसूचना जारी की गई थी जिसके अनुसार प्रदेश के आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों को सरकारी परीक्षाओं में 5 नंबर का बोनस दिया गया. जिस पर पहले पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने रोक लगाई और फिर अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है. जिसके बाद राज्य सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की है. इस याचिका के बाद भी अगर सरकार को राहत नहीं मिलती है तो 2023 में निकाली गई भर्तियां रद्द कर दी जाएगी. बता दें कि 31 मई, 2024 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच सरकार ने इस फैसले को रद्द कर दिया था. साथ ही 6 महीने के अंदर नए तरीके से भर्ती जारी करने को कहा था. जिस फैसले को हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
23 हजार युवाओं की नौकरी पर लटका तलवार!
अब देखना यह है कि हरियाणा सरकार 23 हजार युवाओं की नौकरी बचाने में सफल हो पाते हैं या फिर हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार एग्जाम को दोबारा आयोजित किया जाता है या नहीं. हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए स्पष्ट कहा था कि परीक्षा को दोबारा आयोजित किया जाए और 23 हजार में से जो भी कर्मचारी परीक्षा में दोबारा पास नहीं होते हैं, उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट से हरियाणा सरकार को झटका
- नौकरियों में 5 बोनस नंबर का फैसला किया गया रद्द
- 23 हजार युवाओं की नौकरी पर लटका तलवार!
Source : News Nation Bureau