Deependra Hooda: देश की 18वीं लोकसभा कई मायनों में खास मानी जा रही है. 10 साल बाद विपक्ष ने बेहतर प्रदर्शन कर सत्ता पक्ष के लिए भी चुनौती बढ़ा दी है. संसद का सत्र चल रहा है. इस बीच हरियाणा के सांसद दीपेंद्र हुड्डा को लेकर सियासी पारा भी हाई है. दरअसल लोकसभा स्पीकर की ओर से दीपेंद्र हुड्डा को कुछ कहने पर रोके जाने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं. ये सियासी खिंचतान तो अलग है लेकिन हरियाणा की राजनीति में दीपेंद्र हुड्डा एक कद्दावर नेता के तौर पर उभर रहे हैं. विदेश में पढ़ाई हो या स्पोर्ट्स कारों का शौक या फिर राजनीति में अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाना दीपेंद्र का अंदाज कुछ अलग है. आइए एक नजर डालते हैं दीपेंद्र हुड्डा के अब तक के सफर पर...
जाटलैंड रोहतक में खास पहचान
हरियाणा का रोहतक जाटलैंड के तौर पर जाना जाता है. यहां पर दीपेंद्र हुड्डा या फिर यूं कहें हुड्डा फैमिली की अलग पहचान है. दीपेंद्र को राजनीति तो विरासत में मिली लेकिन उन्होंने अपनी युवा सोच के साथ जाटलैंड में अपनी एक अलग पहचान बनाई. दीपेंद्र हुड्डा तीन बार हरियाणा के रोहतक लोकसभा क्षेत्र से बतौर सांसद चुने गए हैं. 2024 में ही दीपेंद्र हुड्डा ने अपने प्रतिद्वंदी को 3 लाख 45 हजार 298 मतों से मात दी है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अरविंद कुमार शर्मा को चुनाव में हराया है.
यह भी पढ़ें - संसद में ओम बिरला की टिप्पणी पर क्या बोले कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा? न्यूज नेशन से की खुलकर बात
राजनीति में परिवार की चौथी पीढ़ी
दीपेंद्र हुड्डा को राजनीति अपने परिवार से विरासत के तौर पर मिली है. दीपेंद्र के परदादा चौधरी मातू राम एक स्वतंत्रता सेनानी रहे. इसके बाद दूसरी पीढ़ी के तौर पर उनके दादा रणबीर सिंह हुड्डा भी एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ संविधान सभा के सदस्य भी रहे. रणबीर हुड्डा ने रोहतक का पहला और दूसरा दोनों लोकसभा चुनाव में जीत अपने नाम की. यही नहीं उन्होंने पंजाब में बतौर मंत्री भी काम संभाला. इसके अलावा हुड्डा परिवार की तीसरी पीढ़ी के रूप में दीपेंद्र के पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी कांग्रेस के कद्दावर नेता और हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे.
अपने परिवार के नक्शे कदम पर चलते हुए दीपेंद्र हुड्डा भी रोहतक से तीन बार सांसद रह चुके हैं. हालांकि 2019 में वह एक बार लोकसभा का चुनाव हार गए थे, इसके बाद कांग्रेस ने दीपेंद्र सिंह हुड्डा को राज्यसभा भेजा था. लेकिन इस बार उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज बता दिया कि वह राजनीति में पिछड़ने वालों में से नहीं हैं.
विदेश में पढ़ाई से लेकर सामाजिक कामों तक
दीपेंद्र हुड्डा ने उच्छ शिक्षा हासिल की. राजधानी दिल्ली से उन्होंने उच्च शिक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद बीटेक किया और इसके बाद उन्होंने एमबीए की पढ़ाई विदेश से पूरी की. इसके लिए उन्होंने इंडियाना यूनिवर्सिटी ब्लूमिंगटन से कोर्स पूरा किया. हालांकि उनकी शिक्षा ललक यहीं खत्म नहीं हुई और उन्होंने भारत लौटर कर दिल्ली यूनिवर्सिटी से 2016-20 में एलएलबी यानी कानून की पढ़ाई पूरी की.
उच्च शिक्षा के बाद उन्होंने कॉलेज स्तर पर ही राजनीति में अपना करियर शुरू किया. दीपेंद्र हुड्डा ने यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ के अध्यक्ष बनकर ये झलक दे दी थी कि आने वाले वक्त में वह एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ के तौर पर नजर आएंगे.
स्पोर्ट्स कारों का शौक
दीपेंद्र हुड्डा जितने मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं उनता शौक उन्होंने रफ्तार से बात करने का भी है. यही वजह है कि अपनी कुल संपत्ति का बड़ा खर्च वह स्पोर्ट्स कारों पर करते हैं. हुड्डा के पास 30 लाख रुपए से ज्यादा कीमत की स्पोर्ट्स कार हैं.
हरियाणा और रोहतक के लिए किया काम
दीपेंद्र हुड्डा ने 15 साल बतौर सांसद रहते हुए हरियाणा और अपने संसदीय क्षेत्र रोहतक के लिए काफी काम किया है. उन्होंने देश का सबसे बड़ा कैंसर संस्थान झज्जर में स्थापित किया है. इसके अलावा आईआईएम और आईआईटी एक्सटेंशन कैंपस भी उन्होंने स्थापित करवाए. इसके साथ-साथ रोहतक में ही 5500 एकड़ के आईएमटी में मारुति प्लांट, एशियन पेंट्स और सुजुकी बाइक समेत कई ऑटो कंपनियों को जगह दी.
Source : MOHIT RAJ DUBEY