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देश के लिए शहीद हो गया हरियाणा का लाल, मां-बाप का था इकलौता सहारा! रुला देगी ये कहनी

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में भारतीय सेना और आतंकवादियों के बीच जारी मुठभेड़ के दौरान एक दुखद खबर सामने आई है. आतंक का खात्मा करते हुए जींद के नरवाना के एक जवान प्रदीप नैन शहीद हो गए.

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Sourabh Dubey
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haryana news ( Photo Credit : social media )

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में भारतीय सेना और आतंकवादियों के बीच जारी मुठभेड़ के दौरान एक दुखद खबर सामने आई है. आतंक का खात्मा करते हुए जींद के नरवाना के एक जवान प्रदीप नैन शहीद हो गए. प्रदीप अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे, जो हरियाणा के जींद जिले के नरवाना कस्बे के जाजनवाला गांव के रहने वाले थे. प्रदीप 2015 में सेना में शामिल हुए थे और 2022 में उनकी शादी हुई थी. उनके परिवार में उनके माता-पिता और गर्भवती पत्नी हैं.

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यह चौंकाने वाली खबर सुनने के बाद पूरे परिवार में मातम छा गया है. उनके माता-पिता और पत्नी सहित उनका परिवार गहरे सदमे में है. 

प्रदीप अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे और उनकी शहादत के सदमे से उनकी पत्नी अस्पताल में भर्ती हैं. पूरा गांव 27 साल के सैनिक की शहादत पर शोक मना रहा है, जो पूरे इलाके में अपने सरल और सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाते थे. 

सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा अंतिम संस्कार

गौरतलब है कि, उनके माता-पिता से मिलने गांव पहुंचे सेना के अधिकारियों ने बताया कि, शहीद प्रदीप नैन का पार्थिव शरीर जल्द ही गांव लाया जाएगा, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ बहादुर दिल का अंतिम संस्कार किया जाएगा. 

भारतीय सेना ने शहीद जवान की वीरता और बलिदान को सलाम करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा- राष्ट्र इस बहादुर सैनिक के निधन पर शोक मनाता है, जिसने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी.

मालूम हो कि, ये मुठभेड़ शनिवार तड़के कुलगाम इलाके में हुई, जहां सुरक्षा बल तलाशी अभियान चला रहे थे. ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी, जिसमें प्रदीप नैन शहीद हो गए.

सेना उनके लिए जुनून थी...

जैसे ही ये खबर गांव में फैली, रविवार को ग्रामीण प्रदीप नैन के घर के पास जमा हो गये और परिजनों को संबल देने लगे. गांव के सरपंच जनक सिंह नैन ने कहा कि, प्रदीप की शहादत पर पूरा गांव गर्व महसूस कर रहा है. उनका बचपन से ही सपना था कि वह भारतीय सेना में शामिल हों. इसलिए, जब भी उन्हें रास्ते में कोई सेना का जवान मिलता तो वे उन्हें सलाम करते थे. उन्होंने कहा, वह गांव में बहुत मिलनसार थे और सेना उनके लिए एक जुनून थी.

Source : News Nation Bureau

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