लाहौल -स्पीति में बादल फटने और भारी बारिश के बाद जगह-जगह लैंडस्लाइड होने से 144 सैलानी फंस गये हैं. गुरुवार को अपने एक बयान में जिला प्रशासन ने बताया कि पट्टन घाटी में 204 लोग फंसे थे जिनमें से 60 को पुलिस और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने सकुशल बचाकर निकाला. इससे पहले राज्य आपदा प्रबंधन के निदेशक सुदेश कुमार मोखटा ने बताया था कि 175 लोग फंसे हैं जिनमें 60 महिलाएं एवं 16 बच्चे हैं. जिले के एक प्रवक्ता ने बताया कि उपायुक्त नीरज कुमार ने उन्हें वहां से निकालने के लिए राज्य सरकार से हेलिकॉप्टर का सहयोग मांगा है.
मोखटा ने बताया कि मौसम के कारण राज्य सरकार के हेलिकॉप्टर से शुक्रवार को मदद लेने की योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि उन्हें सड़क मार्ग से निकालना मुश्किल लग रहा है, क्योंकि पांगी होकर गुजरने वाले मार्ग के शुक्रवार शाम तक तैयार होने की संभावना नहीं है तथा खराब मौसम के कारण जिले में कई रास्ते एवं पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. वहीं, मंडी में एक कार पार्किंग शेड ढह गया, जिससे क्षेत्र में भारी बारिश के बाद उसके नीचे खड़ी कारें क्षतिग्रस्त हो गईं.
शिमला-कालका रेल ट्रैक पर पेड़ गिरने से रेल सेवा बाधित हो गई. 345 ट्रांसफार्मर बंद हैं, जिससे कई क्षेत्रों में बिजली गुल है. 175 पेयजल योजनाओं में गाद भरने से जलसंकट गहरा गया है. लोक निर्माण विभाग ने सड़कें बहाल करने के लिए जेसीबी, डोजर और पोकलेन के साथ फील्ड में 15 हजार कर्मी उतार दिए हैं, जबकि अपने कर्मियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी हैं. राजधानी शिमला सहित प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बुधवार को बारिश का दौर जारी रहा.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सरकारी आवास ओकओवर के पास भी पेड़ गिरा है. कुल्लू में ब्रह्मगंगा में बाढ़ से एक कैंपिंग साइट को नुकसान हुआ, जबकि कई घरों में पानी घुस गया. तोंजिंग नाले में आई बाढ़ के बाद मनाली-लेह मार्ग पर आवाजाही बंद कर दी है. लाहौल के किरतिंग, शांशा, फूड़ा, जाहलमा, कमरिंग, थिरोट, उदयपुर आदि में 200 से अधिक पर्यटकों सहित कई श्रद्धालु फंस गए हैं. ये लोग केलांग-उदयपुर सड़क बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं. थिरोट बिजली परियोजना का हेड भी बाढ़ के चलते बह गया है.
HIGHLIGHTS
- हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में फटा बादल
- भूस्खलन की घटना के बाद फंसे 144 पर्यटक
- शिमला-कालका रेल ट्रैक पर पेड़ गिरने से रेल सेवा बाधित हो गई