कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस पार्टी में जी-23 के सदस्य आनंद शर्मा ने पार्टी को झटका देते हुए हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए गठित संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. आनंद शर्मा ने सोनिया गांधी को पत्र लिख कर अपने फैसले की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि मुझे पार्टी की किसी भी बैठक में शामिल नहीं किया गया, जिसकी वजह से मैं आहत हूं. मैं सबकुछ सह सकता हूं, लेकिन स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकता. ऐसे में अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं. हालांकि पार्टी के जो भी उम्मीदवार होंगे, मैं उनके समर्थन में प्रचार करूंगा.
गुलाम नबी के बाद आनंद शर्मा का इस्तीफा
बता दें कि आनंद शर्मा से पहले जी-23 समूह के ही सदस्य गुलाम नबी आजाद ने भी जम्मू-कश्मीर राज्य में कांग्रेस पार्टी के इसी पद से इस्तीफा दे दिया था. आनंद शर्मा का इस्तीफा कांग्रेस के लिए झटके की तरह है, क्योंकि आनंद शर्मा कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी राज्य में मजबूत पकड़ है. आपको बता दें कि 26 अप्रैल को ही आनंद शर्मा को इस पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन उसके बाद से हिमाचल कांग्रेस से जुड़े किसी भी फैसले में उनकी राय नहीं ली गई है. न ही उन्हें किसी बैठक में बुलाया गया. ऐसे में वो अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकते.
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हिमाचल के बड़े नेता माने जाते हैं आनंद शर्मा
आनंद शर्मा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हैं. वो हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के बड़े चेहरे माने जाते हैं. आनंद शर्मा का 4 दशक से अधिक का सार्वजनिक जीवन रहा है. वो साल 1984 में राज्यसभा पहुंचे थे. वो लगातार कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा के सदस्य रहे हैं. हालांकि साल 1982 में उन्होंने हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी लड़ा था.
HIGHLIGHTS
- राज्य में चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका
- वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पद से दिया इस्तीफा
- स्वाभिमान को बनाया मुद्दा, करेंगे चुनाव प्रचार