भारत-चीन सीमा पर स्थित महत्वपूर्ण 117 ट्रांजिट कैंप तक पहुंचने वाले सप्लाई रूट का पुल और सड़क, व्यास नदी के प्रचंड प्रवाह के कारण गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है. यह घटना तीन दिन पहले हुई जब नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया, जिससे पुल और सड़क को भारी नुकसान हुआ. यह ट्रांजिट कैंप भारतीय सेना और इंडियन आर्मी के लिए रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समर में सीमा तक पहुंचने का प्रमुख मार्ग है.
पुनर्निर्माण कार्य
आपको बता दें कि बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) के प्रोजेक्ट दीपक के तहत युद्ध स्तर पर पुनर्निर्माण का कार्य जारी है. कई भारी मशीनरी और 230 से अधिक मजदूर 24 घंटे लगातार काम कर रहे हैं ताकि जल्द से जल्द सड़क और पुल को पुनः स्थापित किया जा सके. मनाली से 20 किलोमीटर आगे स्थित इस सप्लाई रूट का निर्माण कार्य भारतीय सेना की आपूर्ति और सामरिक संचालन के लिए अत्यंत आवश्यक है.
वहीं न्यूज नेशन के संवादाता राहुल डबास ने भी इस महत्वपूर्ण पुनर्निर्माण कार्य में हिस्सा लिया. उन्होंने भारतीय सेना और स्थानीय मजदूरों के साथ मिलकर श्रमदान किया और पत्थरों को उठाने में मदद की. राहुल डबास का श्रमदान इस कार्य में एक प्रेरणादायक कदम है, जो सेना और मजदूरों के साथ-साथ आम जनता के सहयोग की भी मिसाल पेश करता है.
BRO की कोशिशें
आपको बता दें कि BRO की टीम इस चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है. उनकी कोशिश है कि अगले 2 से 3 दिनों में इस महत्वपूर्ण सड़क और पुल का पुनर्निर्माण कार्य पूरा हो जाए. इस पुनर्निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके.
सामरिक महत्व
साथ ही आपको बता दें कि यह सप्लाई रूट भारतीय सशस्त्र बलों और इंडियन आर्मी के लिए सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह मार्ग भारत-चीन सीमा तक पहुंचने का प्रमुख मार्ग है, और इसके बाधित होने से सेना के संचालन पर गंभीर असर पड़ सकता है. इसलिए, BRO और भारतीय सेना का यह संयुक्त प्रयास सुनिश्चित करता है कि सप्लाई रूट जल्द से जल्द पुनः सुचारु हो सके.