हिमाचल प्रदेश में ‘टॉयलेट सीट टैक्स’ लगाए जाने के विवादों के बीच सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने इस टैक्स को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि टॉयलेट टैक्स जैसा कोई चीज नहीं है. इसका राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहिए. सुखविंदर सिंह सुखू ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव से पहले भाजपा ने हिमाचल में 5 हजार करोड़ की रेवड़ियां बांटी थीं. इसमें उन्होंने मुफ्त पानी के मीटर लगाने का भी वादा किया था. उन्होंने कहा था कि पानी का कोई बिल नहीं आएगा. हमने प्रति परिवार से 100 रुपये का बिल लेने का ऐलान किया.
इसमें ओबेरॉय और ताज जैसे पांच सितारा होटल भी शामिल थे. इनमें से ऐसे भी थे जो देने की क्षमता रखते थे. टायलेट टैक्स जैसा कोई टैक्स नहीं है. उन्होंने कहा जो लोग इसे उठा रहे हैं उन्हें समझ लेना चाहिए फिर इस पर बात करनी चाहिए.
शहरी क्षेत्रों में टॉयलेट के हिसाब से टैक्स लेने की खबर गलत
वहीं, हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग की ओर से बयान आया है कि शहरी क्षेत्रों में टॉयलेट के हिसाब से टैक्स लेने की खबर गलत है. आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के ‘टॉयलेट सीट टैक्स’ को लेकर सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हिमाचल सरकार के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया दी.
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा अविश्वसनीय, अगर सच है. एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता को जन अंदोलन बना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस लोगों से शौचालय के लिए टैक्स वसूल रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार के टॉयलेट पर टैक्स लगाने के निर्णय पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने हमला बोला.
नकवी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर कांग्रेस सरकार हिमाचल के लोगों को इस तरह का उपहार भेंट किया है. एक ओर पीएम नरेंद्र मोदी हर घर में फ्री टॉयलेट दे रहे हैं, चौक चौराहा और चौपालों में फ्री टॉयलेट की व्यवस्था दी जा रही हे. दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी अपने राज्य में टायलेट पर भी टैक्स लगाने में लगी है.