हिमाचल सरकार इन दिनों आर्थिक संकट से परेशान है. प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की वेतन पर संकट घहराया हुआ है. इस बीच प्रदेश के पेंशनभागियों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा कर दिया है. शिमला में मंगलवार को पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने बैठक की. इस बैठक में तय किया गया कि 20 सितंबर को सभी मुख्यालयों व स्थानीय स्तर पर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होगा.
15 सितंबर तक मिलने का समय मांगा था
पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आत्माराम शर्मा ने बताया कि एसोसिएशन ने प्रदेश के सीएम से 15 सितंबर तक मिलने का समय मांगा था. मगर सीएम ने समय नहीं दिया. इसके बाद एसोसिएशन की ओर से सरकार के खिलाफ 20 सितंबर को प्रदर्शन का ऐलान किया गया.
चंबा तक पूरे प्रदेशभर में प्रदर्शन होगा
आत्माराम शर्मा के अनुसार, 20 तारीख को किन्नौर से सिरमौर तक, वहीं लाहौल से लेकर चंबा तक पूरे प्रदेशभर में प्रदर्शन होगा. उन्होंने कहा कि लंबे वक्त से पेंशनर्स जीसीसी के गठन की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही जेसीसी में पेंशनर्स को भी शामिल किया जाएगा. पेंशनरों के मामले में जेसीसी एक अहम मंच की तरह है. मगर सरकार ने अभी तक जेसीसी का गठन नहीं किया है.
जेसीसी के गठन का आश्वासन दिया
उन्होंने कहा कि वित्तीय मुद्दों के साथ जेसीसी में प्रशासनिक मुद्दों पर पेंशनर्स की चर्चा की जाती है. सरकार ने पेंशनर्स को न तो वार्ता के लिए बुलाया और न ही जेसीसी के गठन का आश्वासन दिया. इसकी वजह से उन्होंने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान किया. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के पेशनरों के मेडिकल बिल लंबे वक्त पेंडिंग हैं. जनवरी 2016 से दिसंबर 2021 तक रिटायर हुए कर्मचारियों को पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. सरकार की कार्यशैली की वजह से पेंशनरों में गुस्सा है.