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क्या शिमला में खत्म होने वाला है पानी का संकट? नगर निगम ने उठाया अहम कदम

मंगलवार को नगर निगम शिमला की मासिक बैठक में खुद शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने एक अहम प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव के तहत शिमला में एक नई पाइपलाइन बिछाने की योजना बनाई गई है.

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Ritu Sharma
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Shimla Water Crisis

शिमला में जल संकट( Photo Credit : News Nation )

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Shimla Water Crisis: पिछले कुछ दिनों में बारिश न होने के कारण हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर के लोगों को पीने के पानी के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. लगातार गर्मी और सूखे के कारण लोगों को हर चौथे दिन पानी की सप्लाई मिल रही थी. शिमला शहर की बढ़ती जनसंख्या इस ओर इशारा कर रही है कि आने वाले समय में पीने के पानी की समस्या और भी गंभीर हो सकती है. इसी समस्या के समाधान के लिए नगर निगम शिमला ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

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नई पाइपलाइन की योजना

आपको बता दें कि मंगलवार को नगर निगम शिमला की मासिक बैठक में खुद शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने एक अहम प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव के तहत शिमला में एक नई पाइपलाइन बिछाने की योजना बनाई गई है. इस पाइपलाइन का उपयोग लोगों को पीने के पानी के अलावा अन्य आवश्यकताओं के लिए पानी उपलब्ध करवाने के लिए किया जाएगा. इस तरह, पीने के पानी और अन्य रोजमर्रा की जरूरतों के लिए अलग-अलग पाइपलाइन का उपयोग होगा, जिससे पानी की बचत होगी. इस पाइपलाइन को प्राकृतिक चश्मों और बावड़ियों से जोड़े जाने की योजना है, ताकि शिमला के निवासियों को पानी की कमी का सामना न करना पड़े.

वित्त आयोग के समक्ष मांग

वहीं शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने इस प्रस्ताव को राज्य सरकार के साथ-साथ वित्त आयोग के प्रतिनिधिमंडल के समक्ष भी रखा. वित्त आयोग ने इस मांग को गंभीरता से सुना और इस पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया. शिमला शहर में लगभग 120 सार्वजनिक शौचालय भी हैं, जहां भी इसी पानी का इस्तेमाल होता है. इस नए प्रस्ताव से इन शौचालयों में भी अलग पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति की जाएगी.

प्रस्ताव का समर्थन और लाभ

इसके अलावा आपको बता दें कि नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान के इस प्रस्ताव को सभी सदस्यों का समर्थन मिला और यह प्रस्ताव पारित हो गया. अब इस प्रस्ताव को राज्य सरकार को भेजा जाएगा. मेयर सुरेंद्र चौहान ने एक मीडिया से बातचीत में कहा कि बीते दिनों बारिश न होने के कारण शिमला में पानी की समस्या गहरी हो गई थी. जिस तरह से शिमला में जनसंख्या बढ़ रही है, उससे आने वाले समय में पानी की समस्या और बढ़ सकती है. इस संभावित समस्या को देखते हुए ही यह प्रस्ताव पारित किया गया है.

लंबे समय तक समाधान

वहीं मेयर सुरेंद्र चौहान का मानना है कि इस पूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने में लंबा समय लगेगा, लेकिन यह शिमला शहर की पीने के पानी की समस्या को स्थायी रूप से हल कर देगा. इससे पीने के पानी की बचत होगी और लोगों को पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा. यह प्रोजेक्ट शिमला की पानी की समस्या का दीर्घकालिक समाधान साबित हो सकता है, जिससे शिमला के निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी.

HIGHLIGHTS

  • क्या शिमला में खत्म होने वाला है पानी का संकट? 
  • नगर निगम ने उठाया अहम कदम
  • नई पाइपलाइन की योजना

Source : News Nation Bureau

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