हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए अप्रैल में वेंटिलेटर की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि समिति को 10 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. प्रवक्ता ने कहा कि 10 वेंटिलेटर खरीदने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के संयुक्त निदेशक की अध्यक्षता में 28 मार्च को निदेशालय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक समिति गठित की गई थी, जिसमें से 15 अप्रैल तक सात वेंटिलेटर विभाग को प्राप्त हुए.
यह भी पढ़ेंः Live: तेजी से मुंबई की ओर बढ़ रहा निसर्ग तूफान, NDRF और प्रशासन अलर्ट
प्रत्येक वेंटिलेटर की कीमत 10.29 लाख रुपये रही. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि वेंटिलेटर की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए निदेशक, उद्योग और भंडार नियंत्रक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है.
यह भी पढ़ेंः पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट: गले पर दबाव से सांस नहीं ले पाने से फ्लॉयड की मौत हुई
स्वास्थ्य सेवाओं के निलंबित निदेशक अजय कुमार गुप्ता के खिलाफ बेहद महंगे दामों पर स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद और राज्य सचिवालय के लिए सेनेटाइजर की आपूर्ति के बदले में घूस मांगने का आरोप है. हिमाचल प्रदेश राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निवारक ब्यूरो पहले ही इस मामले में जांच कर रहा है.
Source : Bhasha