Himachal Assembly Monsoon Session: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 27 अगस्त से 9 सितंबर तक शिमला में आयोजित होगा. इस सत्र के दौरान कुल 10 बैठकें होंगी. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने इस सत्र की मंजूरी दी है. इससे पहले, फरवरी में बजट सत्र का आयोजन हुआ था. यह मानसून सत्र हिमाचल प्रदेश में सियासी उठापटक के बाद का पहला सत्र होगा.
मंत्रिमंडल की अनुशंसा और राज्यपाल की मंजूरी
आपको बता दें कि बजट सत्र 28 फरवरी को समाप्त हो गया था. 25 जुलाई को हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्यपाल को मानसून सत्र आयोजित करने की अनुशंसा की गई थी. इस अनुशंसा को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने मंजूरी दे दी है. मंत्रिमंडल की इस पहल से विधानसभा में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की संभावना बढ़ गई है.
हंगामेदार होगा मानसून सत्र
वहीं हिमाचल प्रदेश में हुई सियासी उठापटक के बाद यह पहला सत्र होने के कारण इसे हंगामेदार रहने की पूरी उम्मीद है. विपक्ष पहले से ही सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है. भारतीय जनता पार्टी, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को बढ़ते कर्ज, फिजूलखर्ची, आपदा प्रबंधन और कथित भ्रष्टाचार के मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है. इसके अलावा, भाजपा सरकार के समय खोले गए संस्थानों को वर्तमान सरकार द्वारा सुविधा अनुसार खोलने के मुद्दे पर भी विपक्ष सरकार को घेरेगा. सत्तापक्ष कांग्रेस भी विपक्ष के हर सवाल का माकूल जवाब देने का दावा कर रही है. कांग्रेस का आत्मविश्वास हाल ही में हुए उपचुनाव में छह सीटों पर जीत के बाद और बढ़ गया है.
सत्र का आयोजन हर छह महीने में आवश्यक
इसके अलावा आपको बता दें कि नियमों के अनुसार, विधानसभा का सत्र हर छह महीने के अंतराल में आयोजित करना आवश्यक होता है. 28 फरवरी को बजट सत्र के समापन की घोषणा विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने की थी। अब मानसून सत्र 27 अगस्त से शुरू होगा. इस सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाएगा. इससे पहले बजट सत्र के दौरान सुरक्षा में कमी पाई गई थी, जिसका कड़ा संज्ञान विधानसभा अध्यक्ष ने लिया था.