Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश सरकार ने निजी नर्सिंग संस्थानों को लकेर बड़ा फैसला लिया है. फिलहाल प्रदेश में एक भी निजी नर्सिंग संस्थान खुलने को लेकर सरकार मंजूरी नहीं दे रही है बल्कि जो पहले से प्रदेश में निजी संस्थान हैं, उसकी व्यवस्था को दुरुस्त करने पर प्रदेश सरकार का पूरा फोकस है. इसे लेकर सरकार ने अपना रुख साफ किया है. दरअसल, हिमाचल में दो सरकारी और 60 निजी नर्सिंग स्कूल व कॉलेज हैं.
हिमाचल प्रदेश में नहीं खुलेंगे नए निजी नर्सिंग संस्थान
जिसकी राज्य सरकार ने निदेशालय स्वास्थ्य शिक्षा विभाग को शिक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर निरीक्षण के निर्देश दिए हैं. सरकार का कहना है कि उनके पास कई ऐसी शिकायत आ चुकी है, जहां निजी संस्थानों में उचित व्यवस्था नहीं है. उन संस्थानों को नोटिस भेजा जा चुका है. जब हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, तब भी कई निजी निर्सिंग संस्थान खोलने के आवेदन दिए गए हैं.
प्रदेश में 2 सरकारी और 60 निजी नर्सिंग संस्थान
प्रदेश में नए निजी नर्सिंग होम खोलने की अनुमति नहीं देने के पीछे राज्य सरकार का कहना है कि हिमाचल के अधिकांश निजी नर्सिंग संस्थान में 10-15 सीटें खाली है. वहीं, प्रदेश में दो सरकारी नर्सिंग संस्थान है. एक निजी नर्सिंग संस्थान से पढ़ाई पूरी करने का खर्चा करीब 4 लाख रुपये आता है यानि की साल का 1 लाख रुपये तो वहीं सरकारी नर्सिंग संस्थान से एक साल का खर्चा 70 हजार रुपये आता है.
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प्राइवेट नर्सिंग संस्थान का हो रहा निरीक्षण
प्रदेशभर की छात्राएं पहले सरकारी नर्सिंग संस्थान में एडमिशन के लिए जाती हैं, लेकिन जब वहां एडमिशन नहीं हो पाता है तो वह प्राइवेट कॉलेज से ही नर्सिंग का कोर्स कर लेती हैं. वहीं, प्राइवेट नर्सिंग संस्थान में लैब सुविधाओं और पर्याप्त स्टाफ को लेकर कई शिकायतें सामने आ चुकी है.
जानिए क्यों लिया गया यह फैसला?
स्वास्थ्य शिक्षा विभाग भी दिए गए निर्देशानुसार लगातार नर्सिंग संस्थानों का निरीक्षण कर रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने यह फैसला राज्य में मौजूदा निजी नर्सिंग संस्थानों में पहले सुधार लाने के लिए लिया है. वहीं, सरकार प्रदेश में अन्य सरकारी नर्सिंग होम खोलने की भी योजना बना रही है.