इसे हम चमत्कार ही कहेंगे कि शिमला के समरहिल में 14 अगस्त 2023 को बारिश के कारण हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई थी जिसमें 20 श्रद्धालुओं की जान चली गयी थी, कई परिवार उजड़ गए, वही मंदिर के शिव परिवार की प्रतिमा को खरोंच तक नहीं आई. प्रतिमा देखकर ऐसा लग रहा है जैसे यहाँ कभी कुछ हुआ ही नहीं था. इतनी बड़ी घटना के बाद ऐसी तस्वीरें सामने आना किसी चमत्कार से काम नहीं है. इस घटना ने 2013 के केदारनाथ मंदिर और जुलाई 2023 पंचवक्त्र महादेव मंदिर की घटना की यादें ताज़ा की. अब तक राज्य को भारी नुक्सान हो चूका है, नेशनल हाईवे, मकान और धन की भारी क्षति हुई है. इस समय हिमाचल प्रदेश अपने सबसे मुश्किल दौर से गुज़र रहा है.
सावन के सोमवार की घटना
14 अगस्त 2023 का वह दिन कई परिवारों के लिए काल साबित हुआ. सावन का आखिरी सोमवार होने के कारण लोगों की भीड़ अधिक थी. शुरुआत में जब घटना घटी ही थी तो उस समय यही नहीं पता चल पा रहा था कि आखिर मलबे में कितने लोग दबे है. 11 दिन तक रेसक्यू ऑपरेशन चला जिसमे 20 शव बरामद किये गए. जहां एक तरफ भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई वहीं मंदिर में स्थापित भगवान शिव परिवार की मूर्ति अपने में सभी को अचम्भित कर रही है. मूर्ति जहाँ स्थापित थी वहीँ जस की तस है, मूर्ति को खरोंच तक भी नहीं आई है.
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मानसून ने हिमाचल में मचाया तांडव
इस मानसून में हिमाचल में जिस तरह का तबाही का मंज़र देखने को मिला है ऐसा मंज़र इससे पहले साल 1995 में देखने को मिला था. 1995 के मुकाबले में यह साल ज़्यादा खौफनाक साबित हुआ है. हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि राज्य को अब तक 12000 करोड़ से अधिक का नुक्सान हो चूका है , हिमाचल डिजास्टर मैनेजमेंट के अनुसार अब तक 361 लोग अपनी जान गवा चुके है. शिमला से अधिक नुक्सान कुल्लू और मंडी में हुआ है. ब्यास नदी का रौद्र रूप किस तरह से तांडव मचा रहा है यह हम सब के सामने है. मनाली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे को जितनी बार ठीक किया जाता है उतनी बार वहां भूस्खलन हो जाता है जिस कारण रास्ता फिर से बंद हो जाता है. वही हाल शिमला चंडीगढ़ नेशनल हाईवे का है, बीच में एक दौर ऐसा भी आया जब रोड ब्लॉक होने के कारण शिमला और बाकी शहरों में लोगो की ज़रूरत का सामान जो बाहर के राज्यों से आता था वह नहीं पहुंच पा रहा था.
शिव बावड़ी मंदिर ने दोहराया केदारनाथ और पंचवक्त्र महादेव मंदिर का चमत्कार
14 अगस्त 2023 की दर्दनाक घटना को भुलाया नहीं जा सकता. 11 दिन तक लगातार दिन रात रेस्क्यू ऑपरेशन चला. 20 लोगो ने इस हृदय विदारक घटना में अपनी जान गावाई. हिमाचल के लोग खौफ में जीने को मजबूर हो गए है. वही भगवान शिव का चमत्कार एक बार फिर हम सब के सामने है. इससे पहले जून 2013 में केदारनाथ में हुई घटना कोई भुला नहीं पाया, जिसमे 6000 से अधिक लोगो ने अपनी जान गवाईं लेकिन मंदिर को खरोच तक नहीं आई थी . इसके बाद जुलाई 2023 को फिर प्रकृति ने अपना खौनाक रूप हमे दिखाया. बिल्डिंग, नेशनल हाईवे सब ध्वस्त हो गए लेकिन मंडी के 300 साल पुराने पंचवक्त्र महादेव मंदिर को खरोच तक नहीं आई. वही मंज़र शिमला के समरहिल में दोबारा देखा. २० लोगो ने जान गवा दी लेकिन मंदिर में रखी शिव परिवार की मूर्ति जस की तस अपनी जगह पर है, एक बाल बराबर भी नुक्सान नहीं हुआ. इससे बड़ा चमत्कार और क्या ही हो सकता है.