हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली मस्जिद अवैध निर्माण के मामले में बुधवार को उग्र विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. दरअसल, बीते 2 सितंबर से शिमला में हिंदू संगठनों संजौली मस्जिद गिराने की मांग कर रहे हैं और इसे लेकर बुधवार को मस्जिद के बाहर प्रदर्शन भी किया था. इस दौरान भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी भी की, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. वहीं, भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने भी लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. जिसके बाद गुरुवार को शिमला व्यापार संगठन ने बंद का ऐलान किया.
मुस्लिम पक्ष हुए अवैध निर्माण का हिस्सा हटाने को तैयार
वहीं, इस बीच मुस्लिम पक्ष शिमला मस्जिद का अवैध हिस्सा हटाने को तैयार हो गए हैं और इसके लिए उन्होंने कमिश्नर को पत्र भी लिखा है. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पत्र लिखकर शांति बनाए रखने व भाईचारे की मांग की है. बता दें कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा गया कि हिमाचल प्रदेश में सभी धर्म के लोग प्यार और भाईचारे के साथ रहते हैं.
हम शांति और अमन चाहते हैं. इसलिए हम नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण बताए जा रहे हिस्से को सील हटा देंगे. फिलहाल मस्जिद का मामला कोर्ट में चल रहा है और हम कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हैं. अगर हमें अनुमति दी जाती है तो हम खुद ही इसके अवैध हिस्से को हटा देंगे.
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संजौली मस्जिद अवैध निर्माण के मामले में ट्विस्ट
आपको बता दें कि मस्जिद का मामला तब गर्माया, जब एक हिंदू दुकानदार की पिटाई कुछ मुस्लिम समुदाय के लड़कों ने कर दी और जाकर मस्जिद में छिप गए. इस घटना के बाद हिंदू संगठन के लोग मस्जिद के बाहर जमा हो गए और इसे गिराने की मांग करने लगे. इस विरोध प्रदर्शन का साथ वहां के विधायक अनिरुद्ध सिंह ने भी दिया और कांग्रेस नेता ने विधानसभा के अंदर इस मुद्दे को उठाया. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह मस्जिद अवैध रूप से बनाया गया है. सरकारी जमीन पर मंदिर का निर्माण किया गया है. बीजेपी नेता भी हिंदू संगठन का साथ देते दिखें. मस्जिद का अवैध निर्माण का मामला कोई नया नहीं है. 2010 से यह मामला कोर्ट में चल रहा है.